
वर्क फ्रॉम होम के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले साइबरों ठगों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने 23 राज्यों के 160 लोगों को चूना लगाया था. बताया जा रहा है कि इस गिरोह का मुख्य सरगना विदेश में बैठा हुआ है जिसे क्रिप्टो करेंसी में पैसे भेजे जा रहे थे…..पंजाब पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है. पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस ने असम के विभिन्न जिलों से चार साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ एक ऑनलाइन नौकरी धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया है।





डीजीपी ने अपने बयान में कहा कि फर्जीवाड़ा गिरोह करने वाले आरोपी टेलीग्राम ऐप के जरिए वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. ठग लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए, शुरू में छोटे-छोटे काम देते थे और बदले में उन्हें कुछ पैसे भी भेज देते थे।
डीजीपी ने कहा, “बाद में, पीड़ित को बड़े रिटर्न का लालच देकर अलग-अलग बहाने से पैसे जमा करने के लिए कहा जाता था.” उन्होंने कहा कि इन गिरफ्तारियों के साथ पंजाब पुलिस ने एक और सुराग खोजा है, जिससे देश भर में फैले साइबर धोखाधड़ी के गहरे जाल का पता चला है.
असम से पकड़े गए चार लोग
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान जहीरुल इस्लाम, रफीउल इस्लाम, महबूब आलम और अज़ीज़ुर रहमान के रूप में की गई है. पुलिस ने ठगों से दो स्वाइप मशीनें, दो बायोमेट्रिक स्कैनर, एक आई स्कैनर, एक फिंगरप्रिंट स्कैनर, 38 पैन कार्ड, 32 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 16 सिम कार्ड, 10 वोटर कार्ड, नौ आधार कार्ड, 10 बैंक खाता पासबुक/चेक बुक भी बरामद की हैं. इनके पास से पांच सरकारी मोहरें, पांच मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, दो पेन ड्राइव और एक आईडी कार्ड भी बरामद हुआ है।
महिला को लगाया था 25 लाख का चूना
एडीजीपी (साइबर अपराध) वी नीरजा ने कहा कि एक महिला को ठगों ने 25 लाख रुपये का चूना लगाया था. उस महिला की शिकायत के बाद साइबर अपराध टीम ने मामले की जांच की और पाया कि गिरोह असम से अपना ऑपरेशन चला रहा था।
जहीरुल इस्लाम और रफीउल इस्लाम नाम के आरोपी को असम के नगांव जिले से गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने खुलासा किया कि वे ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए एक ग्राहक सेवा केंद्र चलाते थे, और जल्दी पैसा कमाने के लिए, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड और आधार कार्ड बनाने के लिए लोगों के दस्तावेजों का इस्तेमाल करते थे. इस फ्रॉड के लिए वो एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करते थे।
क्रिप्टोकरेंसी में मुख्य सरगना को मिल रहा था पैसा
गुवाहाटी से गिरफ्तार किए गए महबूब आलम ने खुलासा किया कि उसने कमीशन के आधार पर अज़ीज़ुर रहमान को बैंक खाते उपलब्ध कराए थे. अजीजुर रहमान को असम के मोरीगांव जिले से गिरफ्तार किया गया था।
जांच में पता चला है कि गिरोह ने अब तक 23 राज्यों के 160 लोगों को चूना लगाया है. पुलिस ने कहा कि कई और पीड़ितों के सामने आने की संभावना है. पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच से पता चला है कि विदेशों से इस धोखाधड़ी रैकेट को संचालित करने वाले सरगनाओं को क्रिप्टोकरेंसी में पैसा मिल रहा था।