*उत्तराखंड” के इन व्यावसायिक कॉलेजों का गजब हाल, गायब हैं फरवरी के बाद से छात्र गायब, VC की छापेमारी में हुआ खुलासा…*

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स्कूल तो छोड़िए उत्तराखंड में व्यावसायिक शिक्षा देने वाले संस्थान भी बदहाल हैं. मैनेजमेंट की लापरवाही का डरा देने वाला नमूना रुड़की में देखने को मिला है. यूटीयू (Uttarakhand Technical University) के कुलपति ने आरसीपी (Roorkee College of Pharmacy) और आरआईटी (Institute of Technology Roorkee) में छापा मारा तो वो दंग रह गए. इन शिक्षण संस्थानों में क्या अनियमितताएं चल रही थीं।

शुक्रवार को उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने रुड़की के रुड़की कॉलेज ऑफ फार्मेसी और इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की में औचक निरीक्षण किया. इस दौरा कॉलेज संचालन में भारी अनियमितता पाई गई हैं. जिसके बाद अब यूनिवर्सिटी कॉलेज पर कार्रवाई करने जा रही है.

वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (UTU) के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने रुड़की क्षेत्र में पड़ने वाले रुड़की कॉलेज ऑफ फार्मेसी (RCP), रुड़की कॉलेज ऑफ मैंनेजमेंट (RCM) और इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी रुड़की (ITR) में शुक्रवार को दिन में 12 बजे के करीब इन तीनों संस्थानों का औचक निरीक्षण किया. RCP कॉलेज रुड़की में बी. फार्म / एम. फार्म. की पढ़ाई, RCM कॉलेज रुड़की में मैनेजमेंट और ITR कॉलेज रुड़की में बीटेक की क्लासेस चलती हैं. लेकिन शुक्रवार को यहां VC के औचक निरीक्षण के दौरान गजब हाल देखने को मिला।

दरअसल जब VC ने इन तीनों कॉलेजों का औचक निरीक्षण किया तो कक्षाओं में एक भी छात्र उपस्थित नहीं पाया गया. ये देख कुलपति हैरान रह गये. इस सम्बन्ध में कुलपति ने जब मैन्युअल उपस्थिति रजिस्टर का निरीक्षण किया, तो रजिस्टर में फरवरी, 2024 के बाद की किसी भी छात्र की उपस्थिति का रिकॉर्ड अंकित नहीं पाया गया. तीनों संस्थानों के निदेशकों से प्रश्न किया गया कि छात्र-छात्राओं की कक्षाओं में उपस्थिति क्यों नहीं है, तो उनसे कोई उत्तर नहीं देते बना. इन संस्थानों ने तो इससे एक कदम और आगे बढ़कर फर्जी तरीके से उन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी विश्वविद्यालय के ऑनलाइन “युनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम” पोर्टल पर दर्ज करा दी, जिनका मैनुअल उपस्थिति पंजिकाओं में फरवरी, 2024 के बाद कक्षाओं में उपस्थिति का रिकार्ड ही अंकित नहीं है. वहीं शिक्षकों के बारे में पूछा गया तो कुछ एक ही मौजूद थे।

औचक निरीक्षण के दौरान तीनों संस्थानों की शैक्षणिक व्यवस्था की खामियों को देख कर कुलपति ने सख्त नाराजगी जताते हुए उनसे कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति नहीं होने के संबंध में लिखित नोट मांगा है. कुलपति ने चेतावनी दी कि 15 मई, 2024 तक कक्षायें संचालित करने की अंतिम तिथि निर्धारित होने के दृष्टिगत सभी संस्थानों को इस तिथि तक कक्षायें छात्रहित में संचालित करना अनिवार्य है. इस प्रकार कक्षाओं में छात्रों की अनुपस्थिति से उन्हें 20 मई 2024 से आरम्भ हो रही विश्वविद्यालय की सम सेमेस्टर परीक्षाओं में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा.

यदि छात्रों की कम उपस्थिति के कारण उन्हें परीक्षाओं में नहीं बैठने दिया जाता है, तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदार इन संस्थानों की होगी. इस तरह से शैक्षणिक व्यवस्थाओं को तार-तार करने का अधिकार संस्थानों को नहीं दिया जा सकता है. साथ ही संस्थानों में शिक्षकों की बड़ी संख्या में अनुपस्थिति के बारे में भी संस्थान निदेशकों को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये।

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