
पंजाब में होला मोहल्ला का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व सिखों के अदम्य साहस, वीरता और धार्मिक परंपराओं का प्रतीक है। आनंदपुर साहिब में हजारों श्रद्धालु जुटे, जहां निहंग सिंहों ने परंपरागत युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया।





पंजाब में इस समय होला मोहल्ला का उत्साह चरम पर है। अमृतसर और आनंदपुर साहिब सहित कई गुरुद्वारों में कीर्तन, अरदास और परंपरागत युद्ध कौशल प्रदर्शन हो रहे हैं। श्री अकाल तख्त साहिब से निकली शोभायात्रा में पांच सिंह साहिबों और सुरमई निशान साहिब की अगुवाई में श्रद्धालु नतमस्तक होते नजर आए।
होला मोहल्ला के मौके पर निहंग सिंहों ने गतका और अन्य युद्धकला का प्रदर्शन किया। वहीं, श्रद्धालु एक-दूसरे को रंग लगाकर पर्व का आनंद ले रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर ने भी तख्त श्री केसगढ़ साहिब में मत्था टेका और राज्य की शांति एवं भाईचारे की कामना की।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान:-
“यह पर्व सिख परंपरा की वीरता, समाजवाद और सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है। हम प्रार्थना करते हैं कि पंजाब हर क्षेत्र में आगे बढ़े।”
गौरतलब है कि होला मोहल्ला की शुरुआत 1701 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने की थी। यह पर्व होली के अगले दिन मनाया जाता है और इसमें युद्धाभ्यास और सिख परंपराओं का विशेष महत्व होता है।