
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। रांची के हरमू हाउसिंग कॉलोनी में स्थित मकान को लेकर झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने धोनी से जवाब मांगा है।





क्या है मामला?
झारखंड सरकार ने 2011 में अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्री रहते हुए एमएस धोनी को हरमू हाउसिंग कॉलोनी में 10,000 वर्ग फीट में फैला मकान गिफ्ट किया था। यह मकान धोनी को केवल आवासीय उपयोग के लिए दिया गया था। आरोप है कि धोनी इस मकान का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं।
आवास बोर्ड की जांच और कार्रवाई
झारखंड राज्य आवास बोर्ड के चेयरमैन संजय लाल पासवान ने बताया कि उन्हें इस मकान के व्यावसायिक उपयोग की शिकायतें मिली हैं। आरोप है कि मकान पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर चलाया जा रहा है। बोर्ड ने धोनी से इस मकान का पूरा विवरण मांगा है। यदि आरोप साबित होते हैं, तो धोनी को कानूनी नोटिस जारी किया जाएगा।
पहले भी हुआ था नोटिस जारी
यह दूसरी बार है जब धोनी को इस मकान को लेकर नोटिस भेजा गया है। 2015 में भी राज्य आवास बोर्ड ने मकान के उपयोग को लेकर उनसे जवाब तलब किया था।
क्या है धोनी का जवाब?
धोनी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, आरोपों के मुताबिक, मकान के पास एक पैथोलॉजी सेंटर का साइन बोर्ड लगाया गया था, जिसे बाद में छिपा दिया गया।
क्रिकेट में योगदान के लिए मिला था मकान
धोनी को भारतीय क्रिकेट में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए यह मकान गिफ्ट किया गया था। पहले वह अपने परिवार के साथ इस घर में रहते थे, लेकिन बाद में सिमलिया में अपने फार्महाउस में शिफ्ट हो गए।
आवास बोर्ड का रुख सख्त
झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने कहा है कि मकान के गलत इस्तेमाल की पुष्टि होने पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले ने धोनी के प्रशंसकों को भी चौंका दिया है।
आवास बोर्ड की जांच के नतीजों पर ही यह तय होगा कि धोनी को नोटिस जारी किया जाएगा या नहीं।