
रुद्रपुर की सिडकुल पंतनगर की एक कंपनी में स्क्रैप के ठेके को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। विवाद की आंच रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा तक भी पहुंच गई है। एक पक्ष ने डाक से विधायक शिव अरोरा सहित 10 लोगों के खिलाफ शिकायती पत्र पंतनगर थाने को भेजा है। दूसरे पक्ष की ओर से भी पंतनगर थाने में फिरौती और धमकी की तहरीर दी गई है।





वार्ड नंबर 16 भदईपुरा निवासी राजेश सिंह ने डाक से भेजी तहरीर में कहा कि 10 अप्रैल को उसने इंडिया फोर्ज कंपनी में स्क्रैप उठवाने के लिए अपने सहयोगियों को वाहन सहित भेजा था। वहां दो कारों में एक दर्जन लोग तमंचे व डंडे लेकर आए और सहयोगियों को कबाड़ नहीं उठाने दिया। उन्होंने मामले में किरन विर्क से बात करने के लिए कहा। उसके सहयोगी ने उसे बताया तो उसने किरन से बात की। उसने कहा कि विधायक का हिस्सा पूर्व से ही जाता है और आगे जो भी काम करेगा उसे हिस्सा देना होगा। इसके बाद जब वह अपने साथियों के साथ कंपनी गया तो वहां पहले से मौजूद किरन ने वे लोग विधायक का काम देखते हैं कहते हुए उसे भी 33 प्रतिशत का हिस्सा देने को कहा। बिना हिस्सेदारी दिए स्क्रैप उठाने की कोशिश करने पर जेल भिजवाने की धमकी दी गई। उसने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है।
इधर ओमेक्स काॅलोनी निवासी मोहन स्वरूप ने तहरीर में कहा कि वह सिडकुल में 16 वर्षों से व्यापार कर रहा है। वर्तमान में तीन पार्टनरों के बीच 33-33 फीसदी की साझेदारी है। राजेश सिंह कुख्यात बदमाश और हिस्ट्रीशीटर है। राजेश ने नौ अप्रैल की रात उसे और फिर पार्टनर क्षितिज को फोन पर धमकाया था। आरोप है कि 10 अप्रैल को राजेश ने सिडकुल में आकर उसे तमंचा दिखाकर धमकाया और व्यापार करने की एवज में हर महीने पांच लाख रुपये की रंगदारी की मांग की। आरोपी ने कार के डैशबोर्ड से एक लाख रुपये निकाल लिए और चार लाख रुपये नहीं मिलने से जान से मारने की धमकी दी थी। उसके अनुसार राजेश पर रुद्रपुर गदरपुर, किच्छा और बिलासपुर में हत्या, लूट, डकैती सहित कई केस दर्ज हैं।
कंपनी से काम किसी को मिले, हमारा 33 फीसदी हिस्सा रहेगा
सिडकुल की कंपनी में स्क्रैप के कारोबार में गुंडातत्वों की घुसपैठ कोई नई बात नहीं है। पहले भी स्क्रैप के कारोबार को लेकर विवाद होते रहे हैं। ताजा तरीन मामले में भाजपा कार्यकर्ता किरन विर्क और राजेश सिंह की कथित बातचीत की ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। इससे सियासी पारा चढ़ा है। ऑडियो में राजेश फोन कर किरन को फैक्टरी के बाहर लड़के भेजने की बात कहता है। जिस पर किरन किसी तरह के लड़के भेजने से इन्कार करते हुए कहते है कि कंपनी के कार्य में 33 फीसदी में हमारा हिस्सा है। पहले से जो चलता आ रहा है विधायक जी का। 33 फीसदी मोहन, 33 फीसदी पवन और 33 फीसदी हमारा हिस्सा है। 33 फीसदी हिस्सा चलता रहेगा, काम चाहे जो भी करे।
कंपनी से काम किसी को मिलेगा तब भी हमारा हिस्सा रहेगा। किरन कहते है कि अरे भाई जब तय है 33 फीसदी तो रहेगा ही। मोहन और पवन का 33-33 और 33 फीसदी क्षितिज का है। क्षतिज को आगे कर रखा है, पीछे तो हम ही हैं सब। सारा कुछ विधायक जी के संज्ञान में है। यह ऑडियो खूब वायरल हो रहा है। इधर किरन का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर राजेश ने उनको फोन किया था। उससे बचाव के लिए उन्होंने राजनीतिक व्यक्ति के नाम का सहारा लिया था। वह राजेश के आपराधिक रिकार्ड को देखकर घबरा गए थे।
एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने कहा की या है कि सिडकुल के दो कारोबारियों ने गैंगस्टर राजेश सिंह पर जान से मारने की धमकी, रंगदारी मांगने जैसे आरोपों की तहरीर दी है। राजेश पर पूर्व में पार्षद प्रकाश धामी की हत्या का आरोप है। इसके अलावा कई संगीन केस दर्ज हैं। कुछ समय पहले ही राजेश हत्या के मामले में जमानत पर छूटा है। राजेश ने भी तहरीर दी है। जिनके खिलाफ तहरीर दी है, उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। दोनों पक्षों की तहरीर की जांच की जा रही है और जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
ओमप्रकाश शर्मा, सीओ पंतनगर ने कहा की उनके संज्ञान में फिलहाल रंगदारी का कोई भी मामला नहीं आया है। ऐसा कोई प्रार्थना पत्र पंतनगर थाने के पास नहीं है। अगर कोई प्रार्थना पत्र आएगा तो उसके दिखवाया जाएगा।
सिडकुल की फैक्टरी में स्क्रैप को लेकर हुए टकराव और कमीशन मांगने रुद्रपुर विधायक का नाम आने पर पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल हमलावर हैं। उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि दो साल से वह कहते आ रहे हैं कि विधानसभा क्षेत्र में रुपयों की बंदरबांट चल रही है। उनकी ओर से दो साल से लगाए गए उगाही के आरोपों की पुष्टि भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष किरन विर्क ने कर दी है। ऑडियो में भाजपा के ही कार्यकर्ता विधायक के नाम पर 33 फीसदी कमीशन खुला मांगते हुए सुनाई दे रहे हैं। पूर्व में भी टेंपो चालकों से वसूली, सिडकुल की एक फैक्टरी से करोड़ों के स्क्रैप की चोरी, मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन हॉस्टल से सरिया की चोरी के प्रकरण हो चुके हैं। इन मामले में भी विधायक के करीबी शामिल रहे हैं। पुलिस राजनीतिक दबाव में है और मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए।