*Rudrapur” शख्स से इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी में बेटे के एडमिशन के नाम पर 20 लाख की ठगी, मुकदमा दर्ज..*

Share the news

इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी में एडमिशन के नाम पर एक युवक के साथ 20 लाख रुपये की ठगी हो गई। मामले में पुलिस ने एक ही परिवार के तीन लोगों पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

गोविन्दपुर कचनाल बिलासपुर रामपुर निवासी तलवन्त सिंह पुत्र बूटा सिंह ने कोर्ट में दिए पत्र में कहा कि वह ट्रक मैकेनिक है। उसका गांव गोविन्दपुरा बिलासपुर में गैराज है। वह अपने बेटे को इंटर मीडिएट के बाद उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड भेजना चाहता था। इसके लिए वर्ष अगस्त 2021 में उसने काशीपुर बाईपास स्थित बराड ओवरसीज के कार्यालय में जाकर उसके स्वामी खुशवन्त सिंह, उसकी पत्नी किरनदीप और ससुर मनमोहन सिंह से मुलाकत की। यहां उसने अपने बेटे का दाखिला इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी में करवाने की बात बताई।

इसके लिए उनको 23 लाख रुपये का खर्चा बताया गया। जहां उसने तीन लाख रुपये नगद और पांच लाख रुपये उनके गूगल पे नंबर पर डाल दिए और बाकी इंग्लैंड जाने के बाद देने थे। दस मार्च 2022 को उन्होंने उसके बेटे का इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी का लेटर देकर एक इंग्लैंड की एयर टिकट दी। 29 मार्च 2022 को उसका बेटा इंग्लैंड पहुंचा और यूनिवर्सिटी जाने पर उसे ठगे जाने का पता चला। उसके बेटे ने कॉल कर उसके सारी बात बताई, तो वह खुशवन्त सिंह के कार्यालय पहुंचा। जहां उसे कोई नहीं मिला।

पीड़ित का कहना था कि उसके एचडीएफसी बैंक बाजपुर वाले खाते से आरोपियों ने खाते का मोबाइल नंबर और ई-मेल बदलकर इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग कर 12 लाख रुपये निकाल दिए। बेटे को विदेश भेजने के चक्कर में उसके साथ कुल 20 लाख रुपये की ठगी हो गई। पांच दिसंबर को उसने पुलिस और 12 दिसंबर 2023 को उसने एसएसपी को शिकायती पत्र दिया, लेकिन कोई करवाई नहीं हुई इसके बाद उसने कोर्ट को पत्र दिया। जहां कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीन आरोपी खुशवन्त सिंह, किरनदीप और मनमोहन के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

 

यूनिवर्सिटी जाने पर ठगी का चला पता

पीड़ित के मुताबिक, जब उसका बेटा लवप्रीत सिंह इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ बेडफोर्डशायर पहुंचा तो उस यूनिवर्सिटी के एक कर्मी ने बताया कि उसका ऑफर लेटर फर्जी है। वहीं उसका कोई भी एडमिशन यूनिवर्सिटी में भारत के किसी भी एजेन्ट ने प्रोसेस नहीं किया है। इसके बाद वह घर आ गया और उसका बेटे को विदेश पढ़ाने का सपना अधूरा रह गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *