
कांग्रेस सरकार में वन मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत को सोमवार शाम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम ने धर्मसोत को जांच के लिए बुलाया था और पूछताछ के दौरान वह स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाए तो ईडी की टीम ने उनको गिरफ्तार कर लिया।





30 नवंबर को ईडी ने पंजाब सरकार के दो पूर्व मंत्रियों साधु सिंह धर्मसोत और संगत सिंह गिलजियां समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। इससे पहले भी साधू सिंह धर्मसोत को बुलाया गया था, लेकिन ईडी के अधिकारियों के पास पुख्ता प्रमाण नहीं थे। सोमवार को जब जालंधर कार्यालय बुलाया गया तो ईडी के अधिकारियों ने पुख्ता प्रमाण आगे रखकर साधु सिंह से बात की, जिसका वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
2023 की शुरुआत में पांच बार के विधायक धर्मसोत पर आय से अधिक संपत्ति रखने के कथित मामले में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने दो भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल नवंबर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के साथ ईडी की एक टीम ने होशियारपुर जिले के टांडा सब डिवीजन में गिलजियां के पैतृक गांव स्थित घर पर छापा मारा था।
वन विभाग के ठेकेदार हरमिंदर सिंह ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 के तहत दर्ज एक बयान में कहा था कि उसने खैर के पेड़ काटने के लिए धर्मसोत को प्रति पेड़ 500 रुपये कमीशन का भुगतान किया था। उन्होंने अक्तूबर-मार्च सीजन के लिए लगभग सात हजार पेड़ों को काटने के लिए परमिट प्राप्त किया, जिसके लिए उन्होंने प्रति पेड़ एक हजार रुपये की कमीशन रिश्वत के रूप में दी थी, जिसमें धर्मसोत को 500 रुपये, जिला वन अधिकारी (डीएफओ) को 200 और रेंज को प्रत्येक को 100 रुपये शामिल थे।
ट्रांसफर के लिए 10 लाख से 20 लाख लेने का आरोप
धर्मसोत को डीएफओ के ट्रांसफर के लिए 10 लाख से 20 लाख रुपये, फॉरेस्ट रेंजर के लिए पांच लाख से लेकर आठ लाख, ब्लॉक ऑफिसर के लिए पांच लाख और ब्लॉक अधिकारी के लिए दो लाख से तीन लाख की रिश्वत मिलती थी। वन रक्षक अपने विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) चमकौर सिंह और रिपोर्टर कमलजीत सिंह के माध्यम से रिश्वत देते थे। आरोप है कि वन मंत्री के रूप में अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान धर्मसोत ने अपने ओएसडी के माध्यम से खैर के पेड़ों को काटने के लिए परमिट जारी करने के बदले में एक करोड़ रुपये एकत्र किए थे।
ईडी के अधिकारियों के समक्ष कई लोगों ने बयान कमलबद्ध करवाए कि उनके पास से रिश्वत ली गई है। इतना ही नहीं साधू सिंह को 2.5 करोड़ रुपये की आमदन हुई थी, जबकि 8 करोड़ से अधिक का खर्च किया था। लिहाजा ईडी ने केस दर्ज कर लिया था। धर्मसोत को मंगलवार को मोहाली की अदालत में पेश किया जाएगा।
स्टिंग ऑपरेशन के बाद खुली थी पोल
सारा मामला स्टिंग ऑपरेशन का एक वीडियो सामने आने के बाद खुला था। वीडियो में डीएफओ गुरमनप्रीत को कथित तौर पर चंडीगढ़ के आसपास अवैध फार्म हाउस की बिक्री के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगते देखा गया था। बाद में उन्हें पिछले साल पांच सितंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी।