रुद्रपुर। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष दर्जा राज्य मंत्री भगवत प्रसाद मकवाना ने नगर निगम सभागार में जनपद के विभिन्न नगरीय निकायों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सफाई कर्मचारियों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने नगर निगम रुद्रपुर द्वारा सफाई कर्मचारियों के हित में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए महापौर विकास शर्मा एवं नगर आयुक्त नरेश दुर्गापाल को साधुवाद दिया।
नगर निगम परिसर पहुंचने पर राज्य मंत्री मकवाना का भव्य स्वागत किया गया। महापौर विकास शर्मा, नगर आयुक्त नरेश दुर्गापाल सहित निगम के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पुष्पमालाओं से उनका अभिनंदन किया एवं पारंपरिक पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया।
बैठक को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री मकवाना ने कहा कि सफाई कर्मचारी समाज का वह वर्ग है, जो हर दिन शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में इन कर्मचारियों को उनका पूरा सम्मान और अधिकार मिलना आवश्यक है। उन्होंने सभी निकायों को निर्देशित किया कि सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं और सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें ईपीएफ, ईएसआई जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं समय पर प्राप्त हों।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लागू किया गया मैनुअल स्कैवेंजर एक्ट 2013 हाथ से मैला ढोने जैसी अमानवीय प्रथा को पूर्णतः प्रतिबंधित करता है। इसके अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को हाथ से मैला ढोने के लिए नियुक्त करना दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम के अंतर्गत सफाई कर्मचारी की मृत्यु पर 30 लाख रुपये एवं अपंगता की स्थिति में 20 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है।
राज्य मंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सफाई कर्मचारियों का पंजीकरण ‘नमस्ते योजना’ के अंतर्गत अनिवार्य रूप से कराया जाए। साथ ही सीवर टैंक एवं नालियों की सफाई के दौरान कर्मचारियों को पीपीई किट, मास्क, दस्ताने जैसे सुरक्षात्मक उपकरण प्रदान किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी सफाई कर्मचारियों का बीमा कराना निकायों की जिम्मेदारी है।
राज्य मंत्री मकवाना ने कहा कि समाज कल्याण विभाग, राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित अनेक योजनाओं की जानकारी के अभाव में सफाई कर्मचारी उनका लाभ नहीं उठा पाते हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी निकाय अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष कैंप आयोजित कर कर्मचारियों को योजनाओं की जानकारी दें। उन्होंने बताया कि पुनर्वास के लिए सरकार की ओर से 20 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा एवं गोल्डन कार्ड की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। प्रत्येक सफाई कर्मचारी का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए और किसी कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में उसके आश्रित को शैक्षणिक योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाए।
बैठक में महापौर विकास शर्मा ने कहा कि नगर निगम रुद्रपुर सफाई कर्मचारियों के हितों को सर्वाेपरि रखते हुए निरंतर कार्य कर रहा है। हाल ही में निगम को स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार मिला है, जिसके तहत मिली तीन लाख रुपये की धनराशि से सभी सफाई कर्मचारियों का पांच लाख रुपये का बीमा कराया गया है।
उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों द्वारा उठाई गई अधिकांश समस्याओं का समाधान कर दिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी समय में भी सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाएगा। महापौर ने यह भी कहा कि ठेका एवं संविदा कर्मचारियों को चार अवकाश दिए जाने की मांग को भी जल्द लागू किया जाएगा।
नगर आयुक्त नरेश दुर्गापाल ने कहा कि नगर निगम द्वारा सफाई कर्मचारियों की सुविधा और कल्याण के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं। सफाई कर्मचारियों के पीएफ खातों को चालू किया गया है। साथ ही समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर उनकी चिकित्सा जांच की जा रही है।
इस अवसर पर सहायक नगर आयुक्त राजू नवियाल, जसपाल राज, सोनू मुल्तानी, सुनील रोहतगी, सुरेन्द्र सिंह, राजपाल सिंह, ज्ञान चंद्र समेत नगर निगम के अधिकारी और सफाई कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।