
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरे उत्तराखंड में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद उत्तराखंड पुलिस भी सतर्क मोड में है। प्रदेशभर में पुलिस द्वारा चेकिंग और निगरानी बढ़ा दी गई है।





इसी क्रम में, कुमाऊं परिक्षेत्र का चार्ज संभालते ही IG रिधिम अग्रवाल ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंचीं और पुलिसिंग का जायजा लिया। उन्होंने थाना प्रभारियों को सख्त हिदायत दी कि वे सिर्फ दफ्तर में बैठकर आदेश देने वाले “बड़े बाबू” न बनें, बल्कि खुद गश्त पर निकलें। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग का असर जमीन पर दिखना चाहिए, सिर्फ श्रेय लेने से काम नहीं चलेगा।
महिला अपराधों पर विशेष सख्ती बरतते हुए IG रिधिम अग्रवाल ने चेतावनी दी कि लापरवाही करने वाले थाना प्रभारियों और विवेचकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पीड़िताओं को मुआवज़ा दिलवाने में भी पुलिस को सक्रिय सहयोग करने के निर्देश दिए।
जांच में लापरवाही पर चार विवेचकों को फटकार लगाई गई है और मालखाने में अभिलेखीकरण की अनियमितताओं को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं। पेंडिंग आईटी एक्ट मामलों को लेकर क्षेत्राधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है और एसआर केसों की मासिक रिपोर्ट रेंज कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
नशा तस्करों के खिलाफ भी अभियान तेज कर दिया गया है। उनकी संपत्तियों की जांच और सीज़र की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पर्यटन सीजन को देखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने और पर्यटकों के साथ शालीन व्यवहार करने को कहा गया है।
गृह मंत्रालय के निर्देश पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत पुलिस की उपस्थिति बढ़ाने, और आपातकालीन हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनसीसी, एनएसएस और स्काउट एंड गाइड के साथ मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं राजधानी देहरादून में भी हाई अलर्ट के तहत देर रात चेकिंग अभियान चलाया गया। एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस अधिकारी मैदान में उतरे। बॉर्डर और आंतरिक मार्गों पर बैरियर लगाकर वाहनों की जांच की गई। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर बीडीएस टीम और डॉग स्क्वाड के साथ सघन चेकिंग की गई।