
आज बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह साफतौर पर इस बात की याद दिलाता है कि आजादी की कीमत क्या है. ये बयान भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में दिया. उन्होंने कहा, यह वह दिन है, जो हमें संविधान के सभी मूल्यों को साकार करने में एक-दूसरे और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की याद दिलाता है. आजादी के महत्व पर जोर देते हुए डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत ने 1950 में स्वतंत्रता के विकल्प को चुना था।





सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, भारत ने 1950 में स्वतंत्रता के विकल्प को चुना था. आज बांग्लादेश में जो हो रहा है वह इस बात की स्पष्ट याद दिलाता है कि आजादी की क्या कीमत है।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सीजीआई ने वहां का उदाहरण दिया. दरअसल बांग्लादेश इस वक्त संकट के दौर से गुजर रहा है. भारत के इस पड़ोसी मुल्क में अशांति है. देश में आरक्षण के खिलाफ जमकर हिंसा हुई. जून में इसकी शुरुआत हुई थी और अगस्त में ये चरम पर पहुंचा. लोगों के गुस्से के आगे प्रधानमंत्री शेख हसीना को झुकना पड़ा. उन्हें देश से भागना पड़ा. वह भारत में रह रही हैं. उनकी सत्ता भी जा चुकी है. शेख हसीना के हटने के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार है. मोहम्मद युनूस इसके मुखिया हैं.
अपने संबोधन में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि इस दिन हम उस प्रतिबद्धता का सम्मान करते हैं जो इस जीवन को महान बनाने के लिए काम कर रहे हैं. हम सभी कोलोनियल एरा की पृष्ठभूमि में संविधान के बारे में बात करते हैं. हमारे देश ने क्या झेला है. आज सुबह मैं प्रसिद्ध कर्नाटक गायिका चित्रा श्री कृष्ण द्वारा लिखित एक सुंदर रचना पढ़ रहा था और इस रचना का शीर्षक है स्वतंत्रता के गीत. स्वतंत्रता का विचार भारतीय कविता के ताने-बाने में बुना गया है।