
हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर दिल्ली के एक अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया गया है. यूपी पुलिस ने मधुकर पर एक लाख का इनाम घोषित किया हुआ था. सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने दावा किया है कि मधुकर हार्ट का मरीज हैं, तबीयत ठीक न होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत में सुधार होने पर उन्होंने खुद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. इससे पूर्व पुलिस इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. मधुकर के अधिवक्ता का कहना है कि उसने सरेंडर किया है. उसे आज कोर्ट में पेश किया जा सकता है।





सूत्रों का कहना है कि यूपी पुलिस दिल्ली के नजफगढ़ उत्तम नगर के बीच स्थित एक अस्पताल पहुंची थी. मधुकर के अधिवक्ता एपी सिंह का कहना है कि उसने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. देव प्रकाश मधुकर की ईसीजी रिपोर्ट के नॉर्मल आने के बाद यूपी पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी. इसके बाद यूपी एसटीएफ टीम ने उसे गिरफ्तार किया।
कौन है देव प्रकाश मधुकर?
मधुकर कथावाचक सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का मुख्य सेवादार है. कथावाचक भोले बाबा के अधिवक्ता एपी सिंह ने दावा किया है कि मधुकर को उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ के सामने सरेंडर कराया गया है. वकील सिंह ने यह भी दावा किया है कि देव प्रकाश मधुकर हार्ट का मरीज है जिसका इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में चल रहा था।
दो जुलाई को भगदड़ से हुई थीं 121 मौतें, मधुकर था मुख्य आरोपी
2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में भोलेबाबा के सत्संग कार्यक्रम के बाद भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में सिकंदराराऊ थाने में 2 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (हत्या के बराबर न होने वाली गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. इसमें देव प्रकाश मधुकर मुख्य आरोपी बनाया गया था. हादसे के बाद योगी सरकार ने फौरी तौर पर हादसे की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी. इसमें कमिश्नर अलीगढ़ और एडीजी आगरा जोन सदस्य थे।
एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि भोलेबाबा के सत्संग में अनुमान से भी अधिक भीड़ आई थी. ये भीड़ भोले बाबा को देखने के लिए अनियंत्रित तरीके से आगे बढ़ी और फिर भगदड़ मच गई. उन्होंने कहा कि यह भगदड़ लापरवाही और बदइंतजामी की वजह से मची थी. इतना ही नहीं जब इस सत्संग कार्यक्रम की प्रशासन से इजाजत ली गई थी उस पर आयोजन समिति ने अपने स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम करने का आश्वासन दिया था, उसके बावजूद बदइतंजामी नजर आई.
न्यायिक जांच आयोग ने शुरू की हादसे की जांच
सरकार ने हाथरस भगदड़ हादसे की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग का भी गठन कर दिया है. इसमें रिटायर्ड जज ब्रजेश श्रीवास्तव अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस भावेश कुमार व पूर्व आईएएस हेमंत राव सदस्य हैं. इस आयोग ने अपनी जांच शुरू भी कर दी है. जारी आदेश के अनुसार यह आयोग अगले दो माह में अपनी जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगी. आयोग कार्यक्रम के आयोजकों ने प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति और उसकी शर्तों का पालन किया या नहीं, इसकी भी जांच करेगा. इसके अलावा भी आयोग कई बिंदुओं पर जांच करेगा।