
बड़ी खबर आपको बता दें की सोशल मीडिया, या अन्य माध्यमों से घर बैठे जॉब’, ‘घर बैठे कमाई कैसे करें’ जैसे लुभावने स्लोगन और विज्ञापनों से लोगों को चपत लगाने वाली करीब 100 वेबसाइट को सरकार ने ब्लॉक कर दिया है. नियमों के विरुद्ध और गैरकानूनी रूप से चल रही इन वेबसाइट के जरिये लोगों को पार्ट टाइम जॉब और निवेश पर छप्परफाड़ रिटर्न का लालच दिया जाता था. इनके खिलाफ शिकायत मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चाबुक चलाया और करीब 100 वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया।





बता दें की मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन वेबसाइट को विदेशी एक्टर्स की ओर से चलाया जा रहा था. गृह मंत्रालय की विंग भारतीय साइबरक्राइम को-ऑर्डिनेटर सेंटर (I4C) की नेशनल साइबरक्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट (NCTAU) ने ऐसी 100 वेबसाइट की पहचान की जो फर्जी तरीके से लोगों को पार्ट टाइम जॉब और निवेश ऑफर करतीं थी. इसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आईटी एक्ट 2000 के तहत कार्रवाई करके इन वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया।
कैसे फंसाते हैं जाल में
सबसे पहले गूगल और मेटा यानी फेसबुक पर ‘घर बैठे जॉब’, ‘घर बैठे कमाई कैसे करें’ जैसे डिजिटल विज्ञापनों की मदद से तमाम भाषाओं में लोगों को आकर्षित करते थे. इनका टार्गेट ज्यादातर रिटायर्ड कर्मचारी, महिलाएं और बेरोजगार युवा होते हैं।
जैसे ही विज्ञापन के इन लिंक पर कोई क्लिक करता तो इसका पेज वॉट्सऐप या टेलीग्राम पर खुलता और सामने से चैटिंग शुरू हो जाती है. फिर कस्टमर को वीडियो लाइक या सब्सक्राइब करने अथवा रेटिंग करने के लिए लुभाया जाता.
काम पूरा करने पर कस्टमर को शुरुआत में कुछ भुगतान किया जाता है और ज्यादा कमाई के लिए उन्हें निवेश करने की लालच दी जाती है.
कस्टमर का भरोसा बढ़ने पर जब लोग ज्यादा पैसे लगा देते हैं तो उनके पैसे लेकर खाता बंद कर दिया जाता है।
सरकार ने बताया बचाव का तरीका
ज्यादा कमीशन या रिटर्न का लालच देने वाली ऐसी किसी भी वेबसाइट पर पैसे लगाने से पहले पूरी तरह जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए.
अगर कोई अनजान व्यक्ति वॉट्सऐप या टेलीग्राम पर आपसे संपर्क करके पैसों के लेनदेन की बात करता है तो पहले उसका वेरिफिकेशन करना जरूरी है.
आप जिसे पैसे दे रहे हैं, उसके नाम और अन्य डिटेल की पड़ताल यूपीआई ऐप पर करें और अगर आपको कुछ भी गलत लगता है तो उसका सत्यापन किए बगैर पैसे न भेजें.
किसी भी अनजान खाते में पैसे कभी न डालें, क्योंकि यह मनी लांडिंग या आतंकी फंडिंग से जुड़ा हो सकता है. इससे पुलिस और कानूनी कार्रवाई की नौबत आ सकती है।