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असम के गुवाहाटी में कांग्रेस के हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक कार्यकर्ता की मौत। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए।

गुवाहाटी में कांग्रेस के ‘राजभवन चलो’ रैली के दौरान हुई हिंसा ने सियासत को गरमा दिया है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें आंसू गैस के इस्तेमाल से कांग्रेस कार्यकर्ता मृदुल इस्लाम की मौत हो गई। वहीं, कई पत्रकार भी घायल हुए। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घटना की जांच के आदेश देते हुए राजभवन के पास प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है। आइए, जानते हैं पूरी खबर।

गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राज्यपाल की संस्था दलगत राजनीति से ऊपर है।

सीएम सरमा का बयान:

“कांग्रेस नेताओं ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर राजभवन में घुसने की कोशिश की और अराजकता फैलाने की कोशिश की। घटना की पूरी जांच होगी।”

सरमा ने यह भी स्पष्ट किया कि अब से राजभवन के पास किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी, गुरुवार को गुवाहाटी प्रेस क्लब के पत्रकारों ने भी पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। बताया गया कि आंसू गैस के गोले दागे जाने के दौरान कई पत्रकार घायल हो गए थे।

मृतक मृदुल इस्लाम असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव थे। असम कांग्रेस ने उन्हें शहीद का दर्जा देते हुए भाजपा सरकार पर हत्या का आरोप लगाया है।

कांग्रेस का बयान:

“पुलिस ने अत्यधिक बल का इस्तेमाल किया, जो पूरी तरह से गलत है। यह लोकतांत्रिक विरोध की आवाज को दबाने की साजिश है।”

यह घटना असम की राजनीति में नई हलचल पैदा कर चुकी है। अब सभी की नजरें पुलिस की जांच रिपोर्ट और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।

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