शातिर जालसाजों ने बैंक को लगा दिया 2 करोड़ का चूना, जानिए क्या था मामला

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अल्मोड़ा अर्बन को-आपरेटिव बैंक हल्द्वानी को लगाया दो करोड़ का चूना

बंधक संपत्ति को बेचा, न्यायालय के आदेश पर हुआ मुकदमा

रुद्रपुर। अल्मोड़ा अर्बन को-आपरेटिव बैंक हल्द्वानी को संपत्ति बंधक बनाकर दो करोड़ रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है। बैक के वरिष्ठ शाख प्रबंधक की तहरीर पर पुलिस नागपाल ट्रेडर्स हल्द्वानी के विरुद्ध अमानत में खयानत के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोप था कि लोनधारक ने बैंक में बंधक बनाई संपत्ति को ऋण लेने के बाद बेच दी है। किश्त नहीं देने पर हुई जांच के बाद बैंक को संपत्ति खुर्द बुर्द होने की जानकारी मिली।
जानकारी के अनुसार मीरा मार्ग हलद्वानी के अर्बन को-आपरेटिव बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक ने बताया कि 10 नवंबर 2009 को बरेली रोड़ हल्द्वानी के रनवीर नागपाल ने नागपाल ट्रेडर्स बरेली रोड़ फर्म के नाम से बैंक से दो करोड़ रुपये का ऋण लिया था और गारंटी के तौर पर रुद्रपुर के गांव फुलसुंगा तहसील किच्छा 0.7860हेक्टेयर भूमि और रजिस्ट्री-खसरा खतौनी के दस्तावेज रखकर ऋण लिया था। बैंक ने सारे दस्तावे जों को बंधक बनाकर लोन दे दिया था। कुछ माह बाद जब बैक ने ऋणी बकायेदार रनवीर नागपाल के एनपीए हो चुके खाते में बंधक संपत्ति का भारमुक्त प्रमाण पत्र निकलवाया। तो पता चला कि आरोपी ऋणधारक ने बदनीयती से बंधक दस्तावेजों को जमा करने से पहले दिखाई गई संपत्ति को विक्रय कर खुर्दबुर्द कर दिया था और बैक को गुमराह व जालसाजी कर संपत्ति को विक्रय कर दिया था। बैक के साथ धोखाधड़ी के बाद वरिष्ठ शाखा प्रबंधक मामले की शिकायत 24.02.2019 को एसएसपी ऊधमसिहनगर को शिकायती पत्र देकर किया। बावजूद इसके था ना ट्रांजिटकैंप पुलिस को तहरीर देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। 15.11.2019 को पुन:ऋणधारक की संपत्ति का ब्यौरा देकर ट्रांजिटकैंप थाना पुलिस से कार्रवाई की मांग की गई। वर्ष 2019से वर्ष 2020 तक लॉकडाउन के कारण यह मामला अधर में लटका रहा। बाद में वरिष्ठ शाखा प्र बधक ने न्यायालय की शरण ली। जिस पर न्यायालय के आदेश पर थाना ट्रांजिटकैंप पुलिस ने अमानत में खयानत के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उधर-थानाध्यक्ष ट्रांजिटकैंप धीरेंद्र कुमार ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर बैंक से धोखाधड़ी कर अमानत में खयानत करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस बैक द्वारा दिए गए दस्तावेजों और आरोपों की जांच करेगी और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएंगी।

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