डकैती मामले में आया फैसला, दो दोषियों को 7-7 साल की सजा

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रुद्रपुर। वर्ष 2013 में रुद्रपुर निवासी हीरा लाल के घर पर हुई डकैती के मामले में अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मीना देउपा की अदालत ने दो दोषियों—फिरोज खां और नवी हुसैन उर्फ नविया—को भारतीय दंड संहिता की धारा 395 और 397 में दोषी करार देते हुए सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं बीस-बीस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

डकैती के दौरान परिवार को धमकाया और पीटा गया था

सरकारी पक्ष के अनुसार, घटना की रात फिरोज खां, नवी हुसैन और अन्य सहयोगियों ने वादी मुशीर अहमद, उनके किरायेदार और पड़ोसियों के घर में डकैती को अंजाम दिया था। इस दौरान आरोपियों ने महिलाओं, बच्चों और घर के अन्य सदस्यों को मारपीट कर डराया धमकाया, और कीमती सामान लूट लिया। अभियुक्तों के कब्जे से डकैती का माल भी बरामद किया गया था।

अतिरिक्त आरोपों में नवी हुसैन को अलग से सजा

अदालत ने नवी हुसैन उर्फ नविया को आर्म्स एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत भी दोषी मानते हुए दो साल के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में उन्हें एक सप्ताह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

354 और 412 में बरी

हालांकि, अदालत ने दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला से दुर्व्यवहार) और धारा 412 (डकैती का सामान खरीदना) के आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है।

बचाव पक्ष ने मांगी थी रियायत, अभियोजन ने की कठोर सजा की मांग

बचाव पक्ष ने अदालत में यह दलील दी थी कि आरोपी गरीब परिवार से हैं, उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, और यह उनका पहला अपराध है। वहीं, सरकारी वकील अनिल सिंह ने अपराध की गंभीरता को रेखांकित करते हुए अदालत से कठोरतम सजा देने की अपील की।

सजा में समायोजित होगी जेल में बिताई गई अवधि

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि दोषियों ने पूर्व में जितनी अवधि जेल में बिताई है, उसे उनकी सजा में समायोजित किया जाएगा। साथ ही, मामले से संबंधित माल-मुकदमाती को नियमानुसार निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

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