वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में “ऑपरेशन कालनेमी” के तहत ढोंगी पीर-फकीरों के विरुद्ध एक बड़ी और प्रभावी कार्रवाई की गई है।
जनपद पुलिस ने जिले में ढोंग और अंधविश्वास फैलाने वालों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाकर 66 फर्जी पीर-फकीरों को हिरासत में लिया है।
यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत की गई। इस अभियान का उद्देश्य उन लोगों को पकड़ना है जो धर्म और चमत्कार की आड़ में गरीबों, बीमारों और असहाय लोगों का शोषण करते हैं।
पुलिस का कहना है कि ये लोग खुद को बाबा, पीर या फकीर बताकर झूठे चमत्कार दिखाते हैं और लोगों से पैसे, जेवरात व संपत्ति ठग लेते हैं। इनमें से कई तो आपराधिक प्रवृत्ति के हैं जिनके खिलाफ पहले से गंभीर मामले दर्ज हैं।
शनिवार को जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में एक साथ कार्रवाई कर 66 ऐसे लोगों को हिरासत में लिया गया जो लंबे समय से फर्जी झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र और चमत्कार के नाम पर भोले-भाले लोगों को ठगते आ रहे थे।
सीमावर्ती जिलों से आते हैं फर्जी तांत्रिक
जांच में सामने आया है कि ये सभी संदिग्ध अधिकतर सीमावर्ती जिलों जैसे पीलीभीत, रामपुर, बिजनौर, शाहजहांपुर, बरेली आदि से आते हैं। ये लोग ऊधमसिंहनगर में किराए पर या झोपड़ियों में रहकर झूठे चमत्कारों का दिखावा करते हैं। कई ने धर्मस्थलों या तंबुओं में ‘दरगाह’ और ‘दरबार’ बना रखे थे जहां वे लोगों को झाड़-फूंक और पूजा कराने के लिए बुलाते थे।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि कुछ समय पहले जनपद में कुछ ऐसे बाबाओं को भी जेल भेजा गया है, जिन पर बलात्कार, डराकर पैसे वसूलने और महिला उत्पीड़न जैसे संगीन आरोप हैं।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने कहा “जो लोग धर्म का चोला पहनकर जनता को ठग रहे हैं, उन पर अब कार्रवाई होगी। पुलिस का अभियान लगातार चलेगा। हमारी प्राथमिकता लोगों को डर और ठगी से मुक्ति दिलाना है।