*Shocking” ये बच्ची है अनोखी, न लगती है भूख, न होती है थकान; पढ़िए ऐसा क्यों….*

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13 साल की ये बच्ची एक बेहद दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है. यूके की ओलिविया फार्नस्वर्थ को रेयर क्रोमोसोम डिसऑर्डर है. जिसकी वजह से उसे ना तो भूख लगती है, ना ही दर्द का अहसास होता है, और तो और सोने की जरूरत भी महसूस नहीं होती. डॉक्टरों को जब ओलिविया की अजीब बीमारी के बारे में पता चला, तो वे भी हैरान रह गए. क्योंकि, यह बच्ची दुनिया में इकलौती है जिसे यह बीमारी है।

बात 2016 की है, जब इंग्लैंड के हडर्सफील्ड में सात साल की उम्र में ओलिविया को टक्कर मारने के बाद कार कई मीटर घसीटते ले गई थी. लेकिन इसके बाद जो कुछ भी हुआ, वो बेहद चौंकाने वाला था।

कहलाई ‘बायोनिक गर्ल’

ओलिविया की मां निकी ट्रेपक बताती हैं, कार से जबरदस्त टक्कर के बाद भी ओलिविया बड़े आराम से उठी और वहां से चली गई. उसकी छाती पर टायर के निशान के अलावा शरीर पर काफी चोट थी. लेकिन इसके बावजूद उसे न तो दर्द का अहसास हुआ और न ही आंखों में किसी तरह का भय दिखा. बच्ची में डर की असाधारण कमी की वजह से ही उसे ‘बायोनिक गर्ल’ उपनाम दिया गया है।

बच्ची को हुई है ये अजीब बीमारी

हफिंगटन पोस्ट के अनुसार, यह बच्ची एक अनोखी आनुवंशिक स्थिति से पीड़ित है, जिसे क्रोमोसोम 6 डिलीशन के रूप में पहचाना जाता है. यह अत्यंत दुर्लभ स्थिति मरीज को दर्द, भूख या थकान महसूस करने में असमर्थ बना देती है. सोचिए कि घुटने में खरोंच की चुभन, लंबे दिन के बाद भूख की पीड़ा या देर रात तक काम करने के बाद भी नींद की भारी कमी महसूस न हो, यही ओलिविया की हकीकत है।

माना जाता है कि हादसे के दौरान तनावग्रस्त न रहने की उनकी क्षमता ने उन्हें गंभीर नुकसान से चमत्कारिक ढंग से बचाने में अहम भूमिका निभाई. हालांकि, ओलिविया में इस दुर्लभ बीमारी के लक्षण उनके जन्म के कुछ ही महीने बाद दिखाई देने लगे थे. बालों के विकास में कमी से लेकर गंभीर पेट दर्द तक, उनकी मां निकी उन पलों को याद करती हैं जिनका उन्होंने सामना किया था।

ट्रेपक के अनुसार, ओलिविया ने नौ महीने की उम्र में ही दिन में सोना बंद कर दिया था. इसके अलावा वो बच्चों की तरह रोती भी नहीं थीं. इसी उम्र में ओलिविया ने मां का दूध पीना भी छोड़ दिया था. ट्रेपक ने कहा, मुझे लगा कि उसे पसंद नहीं होगा. लेकिन इसके बाद उसने खाना भी छोड़ दिया. महिला का कहना है कि ओलिविया को कभी भूख ही नहीं लगता है. वो स्कूल में सिर्फ इसलिए खाती है, क्योंकि वहां बाकी सभी बच्चे खाना खाते हैं।

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