उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में कुदरत ने कहर बरपा दिया है। खीरगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने गांव को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है। एक ओर गंगोत्री धाम की ओर जाने वालों के लिए ये गांव एक प्रमुख पड़ाव था, और आज वही धराली मलबे के ढेर में तब्दील हो चुका है।
आपदा में अब तक 40 से ज्यादा मकानों के बहने की पुष्टि हुई है, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई की मौत की आशंका भी जताई जा रही है। फिलहाल, राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात हैं। हर्षिल पोस्ट से सेना की टुकड़ी महज 10 मिनट में मौके पर पहुंची और 20 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शहीदी ने जानकारी दी कि कुल तीन टीमें घटनास्थल की ओर भेजी गई हैं, प्रत्येक टीम में 35 कर्मी मौजूद हैं। दिल्ली और देहरादून से अतिरिक्त टीमें भी रवाना हो चुकी हैं।
प्रशासन ने 6 अगस्त को उत्तरकाशी जिले में सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने का आदेश दिया है, और नदी किनारे रहने वाले लोगों को तुरंत ऊंचे व सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
हर्षिल और भटवाड़ी पीएचसी, साथ ही जिला अस्पताल में घायलों के इलाज की व्यवस्था की गई है। एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल में भी अतिरिक्त बेड रिज़र्व कर दिए गए हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने वायुसेना से 2 एमआई हेलीकॉप्टर और 1 चिनूक हेलीकॉप्टर की मांग की है, ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन और तेज़ किया जा सके।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 6 अगस्त को क्षेत्र में भारी बारिश के आसार हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।