“दिल्ली की आबकारी नीति घोटाला: अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने को गृह मंत्रालय की मंजूरी”

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मुकदमा चलाने की गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम बन गया है।

दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। ईडी ने उन्हें मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए अपनी चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए थे।

56 वर्षीय अरविंद केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्री, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलकर आबकारी नीति के तहत अवैध धन शोधन किया। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल मार्च 2024 में केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद विशेष पीएमएलए अदालत में उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।

गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद यह मामला और गंभीर हो गया है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह घटनाक्रम दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ है, जिससे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।

“यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। चुनाव के समय इस तरह के मामलों का असर जनता के फैसले पर पड़ सकता है।”

इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी थी। वहीं, केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ईडी की चार्जशीट को अवैध बताया था।

ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि आम आदमी पार्टी को पीएमएलए की धारा 70 के तहत ‘कंपनी’ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

गौरतलब है कि नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी सरकारी अधिकारी पर मुकदमा चलाने के लिए जांच एजेंसी को पहले अनुमति लेनी होगी। इसी आधार पर दिसंबर 2024 में ईडी ने एलजी को पत्र लिखकर केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी मांगी थी।

दिल्ली की राजनीति में यह मामला एक नया मोड़ ले चुका है। आगामी चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। हम इस मामले से जुड़ी हर अपडेट आप तक पहुंचाएंगे।

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