*Uttar Pradesh के इस जिले में भेड़िए का आतंक, डेढ़ महीने में 6 बच्चे को बनाया शिकार; बंदूक लेकर BJP विधायक तक कर रहे चौकीदारी…*

Share the news

उत्तर प्रदेश का बहराइच जिला इस समय भेड़ियों के हमले से डरा-सहमा हुआ है. भेड़ियों ने डेढ़ महीने में छह बच्चों को अपना निवाला बनाया है, जबकि तीन बच्चों का अस्तपाल में इलाज चल रहा है. गांव वाले अपना कारबार छोड़कर दिन-रात पहरेदारी दे रहे हैं, ताकि उनका परिवार सुरक्षित रह सके. गांव वालों के साथ-साथ क्षेत्र के विधायक भी चौकीदारी कर रहे हैं.

बहराइच जिला देवीपाटन मंडल के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है. जिले का उत्तरी भाग तराई क्षेत्र है, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है. चकिया, सुजौली, निशानगारा, मिहींपुरवा, बिछिया और बघौली जिले के मुख्य वन क्षेत्र हैं. यहां का कतर्नियाघाट भी बहुत प्रसिद्ध है. कतर्नियाघाट के जंगल में हाथी, बाघ और तेंदुआ देखने को मिल जाते हैं. हालांकि कभी-कभी ये जंगल से बाहर निकलकर मैदानी इलाकों में पहुंच जाते हैं और फिर इंसानों पर हमला कर करते हैं. अब तक कई लागों की बाघ और तेंदुओं के हमले से मौत हो चुकी है.

बाघ-तेंदुए का डर कम, अब भेड़िए का डर ज्यादा

लोगों में अभी तक केवल इन्हीं बाघ और तेंदुओं के हमले का डर बैठा था, लेकिन अब एक नए जंगली जानवर ने एंट्री ले ली है. खास बात यह है कि ये जंगली जानवर बाघ और तेंदुओं का जानी दुश्मन भी कहलाता है. नाम इसका ‘भेड़िया’ है. गांव वालों को अब बाघ और तेंदुओं से ज्यादा इन भेड़ियों के हमले का डर बना रहता है. डेढ़ महीने में ये छह बच्चे और एक बुजुर्ग महिला को अपना निवाला बना चुके हैं. तीन बच्चे इनके हमले से घायल हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.

भेड़ियों का ये हमला बहराइच जिले के महसी तहसील क्षेत्र में हो रहा है. यहां के हरदी थाना क्षेत्र में 24 से अधिक गांवों में लोग दिन-रात जागकर पहरेदारी कर रहे हैं. बीते सोमवार की रात भेड़ियों ने हमला करके एक गांव के तीन बच्चों को घायल कर दिया. जब तक सुरक्षा में तैनात वन विभाग की टीम गांव पहुंचती, भे़ड़िया दूसरे गांव पहुंच चुके थे. यहां उन्होंने एक पांच साल के बच्चे को अपना निवाला बना डाला.

मात-पिता के साथ सो रहे बच्चे को उठा ले गए

भेड़ियों के हमले को लेकर बहराइच DFO अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि हरदी थाना क्षेत्र में हमारी कई टीमें दो दर्जन से अधिक गांवों में लगातार दिन-रात गश्त पर हैं. सोमवार रात हमें सूचना मिली कि खैरीघाट थाना क्षेत्र के छत्तरपुर ग्राम पंचायत में तीन, छह और नौ साल के तीन बच्चों पर भेड़ियों ने हमला कर दिया है. यहां गांव वालों की मुस्तैदी से बच्चों की जान बच गई. हमारी टीम भी तुरंत मौके पर पहुंची. इसी बीच सूचना मिली कि ये भेड़िए रायपुर ग्राम पंचायत के दीवानपुरवा मजरे में पहुंच गए हैं और अपने माता-पिता के साथ सो रहे अयांश (5) को उठा ले गए हैं.

अब तक 6 बच्चों को भेड़ियों ने बनाया अपना निवाला

DFO अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि जब अयांश की तलाश शुरू की गई तो हुई तो मंगलवार तड़के पास के एक खेत से अयांश का करीब 40 से 50 प्रतिशत खाया हुआ शव बरामद किया गया. DFO अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीते डेढ़ महीने में इन हमलों से अब तक छह बच्चों की मौत हो चुकी है. जिले में भेड़ियों के आतंक को देखते हुए बाराबंकी DFO आकाशदीप बधावन और कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के DFO बी. शिवशंकर को भी तैनात किया गया है.

DM-SP भी वन विभाग की टीम के साथ लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं और ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें सजग रहने को कह रहे हैं. DM का कहना है कि वन विभाग की टीम भेड़ियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है. DFO अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि इस बार भेड़ियों ने गश्त वाले गांवों को छोड़कर नए इलाके में हमला किया है. हमारी टीमें हरदी थाना क्षेत्र के प्रभावित गांवों में गश्त पर थीं, लेकिन अब इनका हमला खैरीघाट थाना क्षेत्र के गांवों में हुआ है. फिलहाल ड्रोन कैमरों की मदद से भेड़ियों के झुंड की निगरानी की जा रही है.

BJP विधायक कर रहे चौकीदारी

DFO अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक तीन भेड़ियों को पकड़ा गया है. हालांकि इनकी संख्या कितनी है, इसकी अभी सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है. वहीं ग्रामीणों की मानें तो क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक भेड़िए हैं. अगर तीन के पकड़े जाने के बाद भी इनका हमला हो रहा है तो ये निश्चित है कि इनकी संख्या ज्यादा है. अब तो खुद BJP विधायक सुरेश्वर सिंह बंदूक लेकर लगातार ग्रामीणों के साथ रात-रात भर जागकर पहरा देते नजर आ रहे हैं, ताकि बच्चों और महिलाओं को भेड़ियों से बचाया जा सके. BJP विधायक ने कहा कि परिवारों को बचाना है तो जागते रहिए, बाकी इस जानवर को पकड़ने के लिए व्यवस्था की जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *