भारतीय मीडिया और फिल्म उद्योग की बड़ी हस्ती और रामोजी फिल्म सिटी के संस्थापक चेरुकुरी रामोजी राव का शनिवार को निधन हो गया. उन्होंने 87 साल की उम्र में हैदराबाद में अंतिम सांस ली. उन्हें मीडिया समूहों में अपने योगदान के लिए जाना जाता था. उनका जन्म 16 नवंबर 1936 को आंध्र प्रदेश के पेडापरुपुडी में एक किसान परिवार में हुआ था।
उन्होंने 1969 में एक पत्रिका के माध्यम से मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा. उनका मानना था कि मीडिया कोई बिजनेस नहीं है. वह रामोजी ग्रुप के प्रमुख थे, जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म प्रोडक्शन फैसेलिटीज, तेलुगु न्यूज पेपर ईनाडु, ईटीवी नेटवर्क और फिल्म निर्माण कंपनी उषा किरण मूवीज शामिल हैं।
पद्म विभूषण से सम्मानित किए गए थे रामोजी राव
उनके अन्य कारोबारों में मार्गदर्शी चिट फंड, डॉल्फिन ग्रुप ऑफ होटल्स, कलंजलि शॉपिंग मॉल, प्रिया अचार और मयूरी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स शामिल थे. रामोजी राव को तेलुगु सिनेमा और मीडिया में उनके योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए, जिसमें पद्म विभूषण (2016) भी शामिल है. इसके अलावा उन्हें रामिनेनी फाउंडेशन पुरस्कार और फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
रावजी की सबसे बड़ी उपलब्धि 1996 में बनाई गई रामोजी फिल्म सिटी को माना जाता है, जो 1666 एकड़ में फैली है. रामोजी फिल्म सिटी न केवल फिल्म स्टूडियो है, बल्कि यह एक पर्यटक आकर्षण का केंद्र भी है. इसमें बड़े बड़े फिल्म सेट, गार्डन, होटल और फिल्म और टेलीविजन प्रोडक्शन के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं।
राव को सामाजिक कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास में विभिन्न पहलों का समर्थन किया, जिससे अनगिनत लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा. रामोजी राव की विरासत उनकी उपलब्धियों से कहीं आगे तक है. उन्हें एक दूरदर्शी व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने न केवल भारतीय सिनेमा को बदला बल्कि मीडिया पेशेवरों की कई पीढ़ियों को भी प्रेरित किया।