*नैनीताल” बिंदुखत्ता को राजस्व गांव घोषित करने की मांग के लिए विधानसभा कूच, हरीश रावत की सरकार को खुली चेतावनी…*

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में किए गए विधानसभा कूच में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, सीपीआई नेता समर भंडारी, भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी समेत विपक्षी दलों के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

इससे पहले हरीश रावत समेत तमाम नेता और कार्यकर्ता हरिद्वार रोड स्थित एक होटल के निकट इकट्ठा हुए. उसके बाद जुलूस की शक्ल में पैदल मार्च निकालते हुए विधानसभा की ओर बढ़े. लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रिस्पना पुल से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इस दौरान आगे बढ़ने को लेकर पुलिस और प्रदर्शन में भाग ले रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई. इससे नाराज प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और अपनी मांगों को लेकर सभा का आयोजन किया।

इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 100 साल से ज्यादा के इतिहास के साथ गोट, खत्ते आदि तराई के भाबर में बसे हुए हैं. इन लोगों ने बंजर भूमि को आबाद किया जिनकी संख्या हजारों में है. उन्होंने कहा कि यहां शिल्पकारों, भूमिहीनों, गरीबों और दलितों ने वहां बसकर बंजर भूमियों को आबाद करते हुए पशुपालन और खेती-बाड़ी की. उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक आबादी वाला बिंदुखत्ता और इसी तरह सुंदरखाल, पापड़ी जैसे कई गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया जाना चाहिए. हरीश रावत का कहना है कि राज्य सरकार ने बिंदुखत्ता सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि अतिक्रमण घोषित किया है और एक सरकारी सूची जिसमें इनको अतिक्रमणकारी बताया गया है, सरकार ने अभी उसको वापस नहीं लिया. दूसरी तरफ इन बसासतों में रहने वाले लोग राजस्व गांव के दर्जे की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन सभी गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर उनका संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।

हरीश रावत ने कहा कि संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार को इसको लेकर ज्ञापन भी सौंपा था. सीएम से मांग की कि इसे राजस्व गांव का दर्जा दिया जाए. यह एक लंबे समय से लंबित मांग है. वे क्षेत्र से हटाए जाने का जोखिम उठा रहे हैं. हम उनके लिए लड़ेंगे. अभी हम हैं विधानसभा में लड़ रहे हैं. फिर हम सीएम आवास में प्रवेश करेंगे. अगर बाकी सब कुछ हुआ तो हम सरकार बदल देंगे।

इधर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला है. प्रदर्शन में शामिल हुए माहरा ने कहा कि ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनको बीते कुछ वर्षों के अंदर अतिक्रमणकारी बताया जा रहा है और उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है. इन गांवों में रहने वाले लोगों को हक दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी लगातार इनकी आवाज उठाती रहेगी. उन्होंने सरकार से तत्काल बिंदुखत्ता समेत अन्य गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई है।

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