ब्रिटेन में बनी नई सरकार ने ब्रिटिश भारतीय सांसद लिसा नंदी को संस्कृति, मीडिया और खेल के लिए नए राज्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है. लिसा नंदी एकेडमिक दीपक नंदी और एन लुइस बायर्स की बेटी है।
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भारतीय मूल की लीसा नंदी को अपने मंत्रिमंडल में संस्कृति सचिव नियुक्त किया है. आम चुनाव में लेबर पार्टी की भारी वापसी हुई थी. इसमें लीसा नंदी ने विगन की अपनी सीट पर कब्जा जमाया और दूसरे नंबर के एंडी डॉबर को लगभग 10,000 वोटों से हराया है. बता दें कि एकेडमिक दीपक नंदी और एन लुइस बायर्स की बेटी है. लीसा नंदी साल 2010 में लेबर सांसद बनीं थी।
नंदी ने 2020 में लेबर पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनौती पेश की और मौजूदा नेता कीर स्टारमर और रेबेका लॉन्ग-बेली के बाद तीसरे स्थान पर रहे. शुक्रवार को लेबर पार्टी की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री पद संभालने के कुछ ही घंटों बाद स्टारमर ने एंजेला रेनर को अपना डिप्टी नियुक्त किया. 44 वर्षीय रेनर, स्टारमर की कैबिनेट में पहली पुष्टि की गई नियुक्ति थी।
लेबर पार्टी नेतृत्व
लीसा नंदी अब लूसी फ्रेजर से संस्कृति मंत्रालय संभालेंगी, जो हाल ही में हुए चुनाव में अपनी सीटें हारने वाली टोरी मंत्रियों में से एक हैं, जो ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के लिए विनाशकारी साबित हुई।
भारतीय विरासत और पारिवारिक इतिहास
लेबर पार्टी के सम्मेलनों के दौरान अपनी भारतीय विरासत और पारिवारिक इतिहास पर विचार करते हुए लीसा नंदी ने बताया कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से उनका परिवार कैसे प्रभावित हुआ था. उन्होंने याद किया कि कैसे उनके दादा-दादी ने अभियान का समर्थन किया था, जिसका लंकाशायर के कपड़ा श्रमिकों पर गंभीर प्रभाव पड़ा था. उन्होंने कहा कि जब कपास आना बंद हो गया, तो मिलें चलना बंद हो गईं और श्रमिक भूखे रह गए।
नंदी ने 1931 में गांधी की लंकाशायर की प्रसिद्ध यात्रा पर भी प्रकाश डाला, जब उन्होंने कठिनाई का सामना कर रहे मिल श्रमिकों से मुलाकात की थी. उन्होंने टिप्पणी की कि उनके परिवार के सदस्य जो उन मिलों में काम करते थे. उन्होंने गांधी का स्वागत किया क्योंकि वे समझते थे कि एकजुटता में शक्ति होती है. उन्होंने कहा कि जैसा कि मैं जानती हूं, इस पद को संभालने वाली पहली मिश्रित-जाति की महिला के रूप में, कि एकजुटता में शक्ति होती है और हमारा संघर्ष एक ही है।
ब्रिटेन कैबिनेट में रिकॉर्ड भारतीय
ब्रिटेन में हुए चुनाव में भारतीय मूल के 26 सांसदों को जीत मिली है. यह पांच साल पहले बनी कैबिनेट से 15 अधिक है।