Spread the love

उत्तराखंड में सड़क हादसों में राहत राशि के लिए अब मजिस्ट्रेटी जांच की जरूरत नहीं होगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक वाहनों से दुर्घटना में तत्काल राहत राशि दी जाए। उन्होंने प्रदेश में दुर्घटना रोकने को लगाए गए सभी क्रैश बैरियर की थर्ड पार्टी जांच के भी आदेश दिए।

सचिवालय में बृहस्पतिवार को सड़क सुरक्षा एवं अनुश्रवण समिति की अति महत्वपूर्ण बैठक के दौरान राज्य में दुर्घटना राहत निधि में देरी के मामलों को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सार्वजनिक सेवायान की दुर्घटना के मामलों में प्रभावितों को राहत राशि तत्काल जारी करने के निर्देश हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि राहत राशि की हकदारी के लिए अब मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है।

 

 

 

जिलाधिकारियों को दुर्घटना राहत निधि के लिए 50-50 लाख रुपये धनराशि आवंटित है। इसके साथ ही सीएस रतूड़ी ने राज्य में विशेषकर देहरादून व हरिद्वार जिलों में अवैध खनन गतिविधियों से संबंधी सड़क दुर्घटनाओं एवं अपराधों पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए हैं। क्रैश बैरियर लगाने की औपचारिकताओं से हटकर उनकी गुणवत्ता को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने की कड़ी हिदायत देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को क्रैश बैरियर की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी ऑडिट के कड़े निर्देश दिए हैं।

 

उन्होंने अधिकारियों को अन्य देशों में क्रैश बैरियर के स्थान अन्य आधुनिकतम टेक्नॉलॉजी व बेस्ट प्रैक्टिसिज का अध्ययन कर राज्य में लागू करने के भी निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों को निर्धारित डेडलाइन के भीतर अधिक दुर्घटना वाले स्थानों की मैपिंग करने के साथ ही इन स्थानों पर स्पीड ब्रेकर, क्रैश बैरियर आदि सुधारात्मक कदम के एक्शन प्लान पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने परिवहन, लोक निर्माण, वित्त एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को उत्तराखंड को जीरो एक्सीडेंट स्टेट बनाने के विजन के साथ कार्य करने की नसीहत दी है।

प्रोफेशनल एजेंसी करेगी सड़कों का सेफ्टी ऑडिट

थाने-चौकियों में बंद पड़े वाहनों को सीएस राधा रतूड़ी ने शहर के नजदीक स्थान चिह्नित करते हुए एक साथ रखने की व्यवस्था के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने ने लोक निर्माण विभाग को प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से नियमित रोड सेफ्टी ऑडिट करवाने के साथ ही परिवहन विभाग को ऑनलाइन चालान व्यवस्था को मजबूत करने, दोपहिया वाहनों में हेलमेट के उपयोग को प्रोत्साहित करने हेतु अभियान चलाने, शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम में सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में जागरुकता को शामिल करने, गुड समेरिटन योजना को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पांडेय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *