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उत्तराखंड पुलिस द्वारा बिना सूचना और समन्वय के बरेली में की गई दबिश अब विवादों में घिरती नजर आ रही है। मंगलवार को फतेहगंज पश्चिमी थाने में 15 में से 14 ग्रामीणों के स्वजन ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ आठ तहरीरें दीं। आरोप है कि उत्तराखंड पुलिस ने दबिश के दौरान घरों के दरवाजे तोड़े, महिलाओं के साथ अभद्रता की और निर्दोष लोगों को जबरन उठा ले गई। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है, साथ ही उत्तराखंड पुलिस की कार्रवाई की जानकारी यूपी शासन को भेज दी गई है।

रातोंरात हुई दबिश, फिर छोड़े गए 15 ग्रामीण

रविवार रात उत्तराखंड पुलिस के करीब 300 अधिकारी और पुलिसकर्मी बारात के स्टिकर लगी बसों और कारों से बरेली के फतेहगंज पश्चिमी व अगरास गांवों में दबिश देने पहुंचे थे। इसे ‘स्ट्राइक’ बताते हुए उत्तराखंड पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और 25 आरोपितों को गिरफ्तार किया। लेकिन सोमवार शाम होते-होते यह मामला उलटा पड़ गया, जब पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर पुलिस को 15 ग्रामीणों को छोड़ना पड़ा। इनमें से 14 पर पहले कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था, जबकि एक व्यक्ति पर केवल मारपीट का केस पाया गया।

बरेली पुलिस ने की पुष्टि, नौ संदिग्ध उत्तराखंड के ही निकले

बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने पूरे मामले की जांच कराई और स्पष्ट किया कि बची हुई नौ संदिग्धों की सूची में कोई भी बरेली का निवासी नहीं है। बाद में उत्तराखंड पुलिस ने भी यह स्वीकार किया कि वे नौ लोग उत्तराखंड के ही हैं।

स्वजनों के आरोप, दरवाजे तोड़े, महिलाओं से अभद्रता

फतेहगंज पश्चिमी निवासी नजीरा ने आरोप लगाया कि रविवार रात उत्तराखंड पुलिस ने उनके घर का दरवाजा तोड़ दिया, घर में कुछ न मिलने पर उनके पति नईम, देवर वसीम और बेटे मुशीर को जबरन उठा ले गई। अंततारक्खी ने बताया कि उनके बेटे सरताज को तेज बुखार था, लेकिन पुलिस घर में घुसकर धमकाने लगी और उनके पति जुबैर हुसैन को ले गई।

इसी तरह, नन्हीं, सुनीदा और रूबीना ने भी तहरीर देकर बताया कि पुलिस ने उनके घरों में जबरन घुसकर तोड़फोड़ की। रूबीना ने कहा कि उनका बेटा शहजाद सहरी के समय पड़ोसी के घर से चाय पत्ती लेने गया था, लेकिन पुलिस ने रास्ते से उसे उठा लिया। सोमवती और वरीश ने भी पुलिस पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

इस विवाद के बाद स्थानीय प्रशासन ने उत्तराखंड पुलिस की कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी है। मामले की जांच जारी है।

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