*Update” SKM का किसान आंदोलन पर बड़ा ऐलान, 26 फरवरी को निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च; शुक्रवार को फूंकेंगे सरकार का पुतला…*

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गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने चंडीगढ़ में अहम बैठक की. इस बैठक में कई राज्यों के किसान संगठन शामिल हुए. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेता जोगिंदर उग्रहां ने बताया कि बैठक में कई अहम फैसले किए गए हैं. पहले ये कि शुक्रवार 23 फरवरी को प्रदेश में हरियाणा के सीएम, हरियाणा के गृह मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका जाएगा.

 

26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान: किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 26 फरवरी को किसान देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. देश के सभी राज्यों में किसान ट्रैक्टर मार्च कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अमृतसर से लेकर शंभू तक सभी जगह हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च होगा. राकेश टिकैत ने दावा किया कि इस दौरान आमजन को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी.

 

’14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत’: राकेश टिकैत ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया है कि 14 मार्च को किसान रामलीला मैदान दिल्ली में महापंचायत करेंगे. शंभू बॉर्डर पर बैठे पंजाब के किसानों को संयुक्त किसान मोर्चा समर्थन देगा या नहीं. इसके लिए एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई गई है. जो प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत कर फैसला लेगी. इस कमेटी में हन्नान मौला, जोगिंद्र उग्रहा, युद्धवीर सिंह, रविंद्र पटियाला, बलबीर राजेवाल और दर्शन पाल सदस्य होंगे.

 

मृतक के परिजन को एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग: इसके अलावा किसान नेता राजेवाल ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने पंजाब में कार्रवाई की. इस मामले में 302 का मुकदमा हरियाणा पुलिस, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज, सीएम के खिलाफ हो. ज्यूडिशियल इंक्वायरी कराई जाए. जींद बॉर्डर पर जिस युवक की मौत हुई है. उसके परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए.

 

इससे पहले किसानों ने दो दिन के लिए दिल्ली कूच को स्थगित करने का फैसला किया था. बैठक से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि सभी किसानों को इकट्ठा होने की जरूरत है. किसानों को हल्के में लेने की कोई गलती न करे. उन्होंने सभी किसान संगठनों एक होने की भी अपील की. इसके अलावा राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन का हल बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है.

 

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है, ”जिस तरह से केंद्र ने हमारे क्षेत्र में घुसकर हमला किया, हमारे वाहनों में तोड़फोड़ की, पंजाब सरकार को उनके खिलाफ 302 का मामला दर्ज करना चाहिए. हमारे पास सबूत हैं कि बुधवार को पंजाब सरकार ने हमारा ‘लंगर’ बंद कर दिया और धरना स्थल पर आ रहे वाहनों को रोक दिया. पंजाब सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि हमारे बारे में उनका क्या रुख है.”

 

किसान आंदोलन को लेकर हाई कोर्ट में एक और याचिका दाखिल: किसान आंदोलन को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में एक और जनहित याचिका हुई दाखिल की गई है. अब पंचकूला के वकील अनिल कुमार ने याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. भारी संख्या में मोडिफाई ट्रैक्टर, ट्रॉली और पोकलेन मशीनों के जरिए आंदोलनकारी दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं. यह न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए खतरनाक है. भारी मशीनें वहां प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती हैं.

 

हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी आंदोलनकारियों को प्रदर्शन के लिए तय की गई जगहों पर ही प्रदर्शन करने के दिए जाएं. हाईकोर्ट ने कहा है कि 29 फरवरी को याचिका पर सुनवाई की जाएगी.

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