*यूपी बना देश का पहला राज्य, जहां हर जिले में बनेगा साइबर क्राइम थाना…*

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारें दंगाइयों की हमदर्द रहीं। इस कारण दंगाइयों के लिए काल कहे जाने वाले पीएसी बलों की कंपनियों को समाप्त करने की कोशिश की गई। वह बुधवार को लोक भवन सभागार में यूपी पुलिस से संबंधित 2310 करोड़ की 144 परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास के अवसर पर पुलिसकर्मियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 57 जिलों में साइबर क्राइम थाने के शुरुआत की। इसके साथ ही यूपी देश का पहला राज्य हो गया है, जिसके पास सभी 75 जिलों में साइबर थाने होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यूपी निवेश का सबसे बड़ा गंतव्य बनकर उभरा है। यूपी पर मां लक्ष्मी की कृपा छप्पर फाड़कर बरस रही है तो इसमें पुलिस का योगदान सबसे अहम है। पिछली सरकारों को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि उस वक्त दंगाइयों को गले लगाया जाता था। हर कोई जानता है कि पीएसी बल दंगाइयों के लिए काल है, मगर पिछली सरकारों ने पीएसी की 54 कंपनियों को ही खत्म कर दिया, जिसे मेरी सरकार ने पुनर्गठित किया। पुलिस के व्यवहार में आए बदलाव की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म में अगर आप किसी से शिष्टाचार से बात करते हैं तो उसका बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति समाज विरोधी, राष्ट्रविरोधी और पेशेवर माफिया के लिए है, आम आदमी के लिए संवेदनशीलता और त्वरित न्याय देने का प्रयास होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर क्राइम थाने मंडल मुख्यालय के 18 जिलों में पहले बनाए गए थे, शेष 57 का आज शुभारंभ हो रहा है। इसके साथ ही सभी 1523 थानों में साइबर सेल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने का जो काम 2017 से शुरू हुआ है वह तेज गति से जारी है। प्रदेश में नए जिले तो बना दिए गए थे मगर पुलिस लाइंस का ही गठन नहीं किया गया था। पुलिस की आत्मा पुलिस लाइंस में होती है, जिलों में पुलिस लाइंस ही नहीं बनाई गई थी, जैसे किसी इंसान के शरीर से आत्मा निकाल ली गई हो।

टूटे पलंग पर सोने को मजबूर थे पुलिसकर्मी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आप प्रदेश के बड़े महानगरों को छोड़कर किसी भी छोटे जिले में चले जाएं वहां जो सबसे ऊंची बिल्डिंग आपको दिखेगी वह हमारे पुलिस के जवानों की बिल्डिंग होगी। पहले पुलिसकर्मियों को टूटे पलंग, जर्जर भवनों में रहने के लिए मजबूर किया गया था। जो पुलिसकर्मी पूरे दिन या पूरी रात ड्यूटी करके अपनी बैरक लौटता था उसके लिए आराम करने की मुकम्मल व्यवस्था भी 2017 से पहले तक पिछली सरकारें नहीं दे सकीं। आज हर जिले की पुलिस लाइंस में, यहां तक कि हर थाने में या तो हाईराइज बिल्डिंग में हॉस्टल उपलब्ध करा दिया गया है, या जहां नहीं बना है तो वहां भी निर्माण प्रक्रियाधीन है। हमारी सरकार ने पिछले

छह साल में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये केवल पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर खर्च किए हैं। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, डीजी साइबर क्राइम सुभाष चंद्र व एडीजी डॉ. एन रविन्द्र सहित प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण मौजूद रहे। इसके अलावा सभी 75 जिलों में वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े जनप्रतिनिधि एवं पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

इन परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में 2310 करोड़ रुपये से अधिक की 144 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इनमें 21 पुलिस थानों, दो पुलिस लाइंस, दो पीएसी वाहिनी, दो एसटीएफ यूनिट तथा 35 पुलिस थानों पर मेडिकल कक्ष का शिलान्यास किया गया। साथ ही तीन थानों के प्रशासनिक भवन, तीन थानों के आवासीय भवन, तीन पुलिस चौकी के प्रशासनिक भवन, 34 पुलिस थानों पर हॉस्टल-बैरक विवेचना कक्ष, छह पुलिस लाइंस में हॉस्टल, पांच एटीएस फील्ड यूनिट कार्यालय के साथ ही सात अन्य विविध विषयक निर्माण कार्य का भी शिलान्यास किया गया। इसके अलावा 75 जिलों के 1523 पुलिस थानों में साइबर सेल, 57 जिलों में साइबर क्राइम पुलिस थाने, 18 मंडल मुख्यालयों पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन के थाने, आठ जिलों में भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई तथा प्रयागराज और कुशीनगर में पर्यटन थाने का शुभारंभ किया।

सीएम योगी ने कहा कि पीएसी दंगाइयों के लिए काल है, इसे खत्म करने की कोशिश की गई थी। आज यूपी पर मां लक्ष्मी की कृपा छप्पर फाड़कर बरस रही है तो इसमें पुलिस का योगदान सबसे अहम है।

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