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उत्तर प्रदेश और पड़ोसी देश नेपाल से लगे खटीमा के पास वन भूमि सालबोझी से अतिक्रमण हटाया गया है। वन विभाग ने अतिक्रमण करने वालों को पहले चेतावनी दी थी और नोटिस भी जारी किया था।

जानकारी के अनुसार साल बोझी नंबर एक में अतिक्रमण की गई वन भूमि में तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को जेसीबी गरजी। जिन-जिन स्थानों पर लाल क्रॉस के निशान लगाए गए थे, ऐसे दर्जनों लोगों के अतिक्रमण वन विभाग ने ध्वस्त कर दिए। एक सप्ताह पूर्व वन विभाग के रेंजर महेश चंद्र जोशी ने अतिक्रमण किए गए प्लाट, झाले और झोपड़ी में रेड क्रॉस का निशान लगाकर स्वयं अतिक्रमण हटा लेने के लिए कहा था और अगली कार्यवाही 18 तारीख को घोषित की थी।

सोमवार को एसडीओ संचिता वर्मा के नेतृत्व में पूर्वी तराई की 9 रेंज के स्टाफ ने 5 प्रभारियों के नेतृत्व में रेंज अधिकारी महेश चंद्र जोशी की देख-रेख में अभियान शुरू किया गया। इससे पहले एसडीओ और रेंज अधिकारी खटीमा ने सभी प्लाट और झाले में रहने वाले लोगो को उनके स्थानों पर जाकर समान खुद हटा लेने और सहयोग की अपील की। इसके बाद धन सिंह अधिकारी, भैरव सिंह बिस्ट, जागेश वर्मा और दो प्रभारियों के नेतृत्व में टीम ने कई जेसीबी के साथ अतिक्रमण गिराना शुरू कर दिया। कार्रवाई देख लोग खुद अपना सामान हटाने लगे।

क्या कहते हैं नोडल अधिकारी

वन विभाग के अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि वन भूमि पर बाहर से आए लोगों ने अवैध कब्जा किया था, जिन्हे पूर्व में नोटिस दी गई और उन्हे स्वतः कब्जा छोड़ने के लिए कहा गया था। कोर्ट के द्वारा भी अवैध कब्जे हटाने के दिशा-निर्देश दिए गए थे। डॉ. धकाते ने बताया कि अवैध कब्जेदारों ने तय सीमा में अतिक्रमण नहीं हटाया, जिसके बाद वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए 60 कच्चे-पक्के मकान हटाए और झाले क्षेत्र की लगभग 4 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया।

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