*”उधमसिंह नगर कबूतरबाजों का गढ़” भाई को कनाडा भेजने के नाम पर युवक से ठगी, हड़पे 20 लाख रुपए और थमा दिया फर्जी वीजा; जांच में जुटी पुलिस; जानें पूरा मामला।*

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उधम सिंह नगर कबूतरबाजों का गढ़ बन चुका है, पुलिस की निष्क्रियता से जिले में लगातार कबूतर बाजी के मामले बड़ रहें हैं, जिला उधम सिंह नगर उत्तराखंड के कबूतर बड़ों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बन चुका है, बता दें की एक और मामला सामने आया है जहां एक व्यक्ति के भाई को कनाडा भेजने के नाम पर लाखों की ठगी की गई। पुलिस शिकायत मिलने के बाद जांच में जुट गई है।

जानकारी के लिए बता दें लाग्वाखेड़ा, थाना सितारगंज के रहने वाले सुरजीत सिंह ने बताया की उसने अपने भाई हरदीप सिंह को वर्ष 2020 में उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु कनाडा जाने के लिए अपने परिवार में वार्ता की, परिवार द्वारा सहमति देते हुए प्रार्थी के भाई हरदीप सिंह का कनाडा जाने का विचार बनाया, जिस हेतु प्रार्थी और प्रार्थी का सगा भाई हरदीप सिंह सितारगंज स्थित राइस इमीग्रेशन, नानकमत्ता, जिला-उधम सिंह नगर गये, जहां पर राइस इमीग्रेशन के पार्टनर 1 करनवीर सिंह पुत्र कुलदीप सिंह, 2-कुलदीप सिंह पुत्र प्रीतम सिंह 3- सिमरन कौर पत्नी करनवीर सिंह, निवासीगण प्रतापपुर, नं०-३, थाना-नानकमत्ता, उधम सिंह नगर और 4-दलजीत सिंह पुत्र इकबाल सिंह, नि०-धेरा फार्म, थाना-नानकमत्ता, जिला उधम सिंह नगर से मिले, जहां पर चारों पार्टनर द्वारा प्रार्थी के भाई को विदेश पढ़ने जाने के लिए पूरी प्रोसेस बताई गई, हम लोग कई बच्चों को कनाडा व ऑस्ट्रेलिया भेज चुके है, हम आपका कनाडा का वीजा लगवाकर पढ़ाई हेतु भेज देगें, चारों पार्टनर द्वारा बताया गया, कि आपका कनाडा जाने में कुल 20 लाख रूपये खर्च आयेगा, जो कि आपको हमे देने होगें, इसमें आपकी एक वर्ष की युनिवर्सिटी फीस, इंश्योरेन्स सम्मिलित है और आपको अपने पढ़ाई-लिखाई के दस्तावेज, अपनी मार्कशीटे, पासपोर्ट, फोटो इत्यादि देने को कहा।

सुरजीत सिंह और उसका भाई जानकारी लेने के बाद 15 अक्टूबर 2020 को अपने भाई हरदीप सिंह, सुभाष सिंह राणा पुत्र बलवीर सिंह निवासी देवकली, उधम सिंह नगर के साथ नानकमत्ता स्थित राइस इमीग्रेशन के ऑफिस गये।

जहां पर चारों पार्टनर मौजूद थे. सुरजीत के भाई ने अपनी पढ़ाई-लिखाई के दस्तावेज, मार्कशीट, पासपोर्ट, फोटो, 2,00,000/- रूपये नगद चारों पार्टनर को दिये, तथा 1,00,000/-रूपये दलजीत सिंह के खाते में सुरजीत ने अपने बैंक के खाते से ट्रांसफर कर दिये, करनवीर, कुलदीप सिंह, सिमरन कौर द्वारा कहा गया कि हमे आपसे एडवान्स मिल गया है, हम आपके भाई हरदीप सिंह की फाईल की प्रोसेस स्टार्ट कर देते है, आप और पैसों का बन्दोबस्त करें।

जिसके बाद सुरजीत द्वारा 19 अक्टूबर 2020 को 30,000 रूपये दलजीत सिंह के खाते में ट्रांसफर किये, जिस पर इन सभी चारों पार्टनर द्वारा बताया गया कि आपके द्वारा दिये गये पैसे अभी बहुत कम है. हमे अभी और पैसो की सख्त आवश्यकता पड़ रही है क्योंकि युनिवर्सिटी वाले एक वर्ष की एडवान्स फीस जमा करवाते है जिसके बाद सुरजीत के भाई हरदीप सिंह ने अपने बैंक एकाउन्ट से दलजीत सिंह के खाते में दिनांक- 05-11-2020 को मु0-1,40,017/- रूपये, 2,00,017/- रूपये, 10,005/- रूपये, दिनांक-08-02-2021 को मु0-1,14,017/- रूपये, दिनांक-16-02-2021 को गु0-12,500/- रूपये, दिनांक 26-04-2021 को मु0-36,005/- रूपये, इसके बाद प्रार्थी ने दिनांक-30-06-2021 को मु०-80,000/- रूपये, दिनांक 25-08-2021 को मु०-32,000/- रूपये, दिनांक-21-03-2022 को गु0-3,30,000/- रूपये, दिनांक 29-10-2021 को मु0-1,00,000/-रू०, दिनांक-18-11-2021 को मु0-1,00,000/-रू० अपने पिता के खाते से निकालकर सुरजीत द्वारा नगद भुगतान बताए अनुसार कुल 14,84,561 रूपये ट्रांसफर कर दिये, इसके बाद सुरजीत के भाई को कुछ समय रूकने के लिए कहा गया और बताया गया कि आपकी फाईल का वेरिफिकेशन हो रहा है और कोविड-19 की वजह से भी आपकी फाईल में अभी समय लग रहा है, आप कुछ समय के लिए इंतजार करे, सुरजीत के भाई द्वारा इंतज़ार करने के बाद इन पार्टनरों द्वारा बताया गया कि सुरजीत के भाई का कनाडा वीजा रिजेक्ट हो गया है, क्योंकि उसके नंबर कम है, आप दोनो हमारे ऑफिस आ जाइयें, वहां पर हम बात कर लेते है, जिसके बाद सुरजीत और उसका भाई राइस इमीग्रेशन के ऑफिस गए, जहां पर इन सभी पार्टनर द्वारा यह बताया गया कि जो पैसे आपके भाई हरदीप सिंह के फाईल की प्रोसेस में लगे है, वह रूपये वापसी की हमारी गारंटी है, लेकिन वापसी आने में समय लगेगा लेकिन आप अपना ऑस्ट्रेलिया का वीजा लगा सकते है, जिसके लिए हम आपकी फाईल लगा देते है, जिस पर सुरजीत और उस के भाई द्वारा इन चारों पार्टनरों की बातों पर विश्वास करते हुए अपने सहमति दी, तब चारों पार्टनर द्वारा बताया गया कि आप अपने पढ़ाई-लिखाई के दस्तावेज, पासपोर्ट, फोटो इत्यादि उपलब्ध करा दे, हम आपके फाईल की प्रोसेस स्टार्ट कर देगें, कुछ समय बीत जाने के वाद प्रार्थी द्वारा उपरोक्त लोगो से सम्पर्क करने पर उक्त लोगो द्वारा बताया गया कि आपका वीजा जल्द ही आने वाला है और आप ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी करें।

आपको अपने खाते में शोमनी लगभग मु०-10,00,000/-रूपये की धनराशि दिखानी होगी क्योंकि ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए वहां की ऑथोरिटी, वहां आने वाले व्यक्ति के खाते में कम से कम मु0-10,00,000/- रूपये होना सुरक्षित मांगती है, सुरजीत द्वारा बताया गया कि मेरे पास अभी बैंक खाते में इतने पैसे नहीं है. मुझे कुछ वक्त चाहिए तब चारों पार्टनर द्वारा बताया गया कि आप पैसो का बन्दोबस्त करे, हम एक काम करते है कि हम कुछ रकम आपके खाते में ट्रांसफर कर देगें जिसको शो-मनी के तौर पर हम दिखा देगें, उसका खर्चा हम आपसे अलग से ले लेगें।

इसके बाद, चारों पार्टनर के कहे अनुसार सिमरन कौर द्वारा दिनांक 18-12-2023 को गु०-3,00,000/-रूपये, दिनांक-19-12-2023 को मु0-2,00,000/- रूपये और दिनांक 20-12-2023 को गु०-2,00,000/-रूपये सुरजीत के खाते में कुल 7,00,000/-रूपये ट्रांसफर कर दिए और सिक्योरिटी के तौर पर एक चैक सिर्फ हस्ताक्षरित करा हुआ, चैक सुरजीत के भाई हरदीप सिंह के खाते का दे दिया।

बीते 22 फरवरी 2024 को 1,20,000 रूपये और 05 मार्च 2024 को 2,00,000 सुरजीत द्वारा अपने हरदीप सिंह के खाते से नगद निकलवाकर चारों पार्टनर पैसे दिये और बताया गया कि आपकी तिथि सुनिश्चित होने पर वीजा, युनिवर्सिटी डिटेल्स आपको दे देगें, तब आप हमारी शेष रकम हमे दे देना और अपना सिक्योरिटी की एवज में दिया गया चैक वापिस प्राप्त कर लेना, सुरजीत ने 6 मार्च 2024 को शो-मनी वाला 6,70,000 रूपये NEFT से सिमरन कौर के खाते में वापसी कर दिया, शेष नगद 30,000 रूपये वापस दे दिये, इसके बाद माह अप्रैल 2024 में करनवीर द्वारा बताया गया कि आपका वीजा आ गया है, हम से आकर अपना वीजा ले जाइयें और अपने भाई के साथ माह अप्रैल 2024 को राइस इमीग्रेशन के ऑफिस गया, जहां पर सभी पार्टनर द्वारा सुरजीत को बधाई देते हुए वीजा दिया गया और कहा कि आप हमारी शेष रकम 1,95,439 रूपये हमे दें दे और अपना वीजा ले ले, जिस पर सुरजीत ने 1,95,439 रूपये उक्त सभी पाटर्नर को नगद दे दिए और अपना वीजा प्राप्त कर लिया।

इसके बाद सुरजीत उसका भाई सितारगंज टिकट बुक करवाने के लिए इण्टरनेट कैफे गये, इण्टरनेट पर चैक करने के बाद वहां के संचालक द्वारा यह बताया गया कि आपका वीजा नकली है और आपकी टिकट चुक नही हो सकती है, जिसके उपरान्त प्रार्थी व प्रार्थी के भाई ने अन्य कई टिकट बुक करने वाले इण्टरनेट कैफे में पता करा तो सभी ने यही बताया कि सुरजीत का वीजा नकली है, यह सुनकर सुरजीत और उसके भाई के होश उड़ गये और अपने साथ हुई धोखाधड़ी व ठगी का अहसास हुआ तो सुरजीत द्वारा करनवीर व दलजीत को फोन कर कहा कि आपने हमारे साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी, विश्वासघात किया है और हमें नकली वीजा दे दिया, अब हम तुम्हारें खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगे तो करनवीर और उसके साथियों द्वारा कहा गया कि तू हमारा कुछ नही कर सकता, अगर तूने हमारे विरूद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही करी तो हम तेरे भाई के खिलाफ एक फर्जी चेक बाउन्स का मुकदमा दर्ज करवा देगें।

इस तरह कबूतरबाजों ने पीड़ित के 20 लाख रूपये, पासपोर्ट, मार्कशीट आदि हड़प लिये है।

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