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सितारगंज के थारू जनजाति के दो किसानों को सरकारी योजना के तहत ट्रैक्टर खरीद में 75 फीसदी अनुदान का झांसा देकर लाखाें रुपयों की ठगी की गई। 11 साल पहले हुई ठगी के मामले का शिकायती पत्र मिलने पर अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने संज्ञान लिया और आयोग के आदेश पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

सितारगंज के ग्राम नगला निवासी ओम प्रकाश और ग्राम साधूनगर निवासी महेश सिंह राणा ने पुलिस को बताया कि वे गरीब परिवार के छोटे किसान हैं। मई 2013 में उनके घरों पर रफीक सैफी, सनब्बर अली निवासी वार्ड नंबर छह इस्लामनगर, अमन निवासी ग्राम रोशनपुर गदरपुर और मुजीव बैग निवासी अज्ञात आए थे। रफीक सैफी और सनब्बर ने खुद को महक मशीनरी स्टोर रुद्रपुर का सब डीलर और मैशीफर्गुशन व आयशर ट्रैक्टर विक्रेता/सप्लायर बताया। मुजीव बेग खुद को महक मशीनरी स्टोर व आयशर कंपनी के ट्रैक्टर विक्रेता और मैग्मा फाइनेंस कंपनी लिमिटेड हल्द्वानी कार्यालय का सर्वे विकास अधिकारी बताया।

आरोपियों ने बताया था कि वर्ष 2013 में सरकारी योजना के तहत अनुसूचित जनजाति (थारू जाति) के छोटे किसानों को मैशीफर्गुशन और आयशर कंपनी के ट्रैक्टर 75 फीसदी अनुदान पर दिए जा रहे हैं। चयनित किसान को दो लाख रुपये नगद मैग्मा फाइनेंस कंपनी कार्यालय में जमा कराने होंगे। सरकार ने उनको और ट्रैक्टर एजेंसी को इस कार्य के लिए अधिकृत किया है। इसके बाद उन्होंने मैग्गा फाइनेंस कंपनी में दो-दो लाख रुपये की धनराशि, आठ फोटो, राशन कार्ड, पहचान पत्र, परिवार रजिस्टर की नकल, अपनी जमीनों की खसरा खतौनी जमा करा दी थी। उनसे सादे स्टांप में दस्तखत कराए गए थे। इसके बाद आरोपियों ने सितारगंज में उनके नाम से बैंक खाते खुलवाए और जारी चैक बुकों में सभी सादा चेकों पर दस्तखत कराकर मुजीव ने अपने पास रख ली थी। काफी समय बीतने के बाद भी उनको ट्रैक्टर नहीं मिला था।

28 जुलाई 2013 को वह महक मशीनरी स्टोर रुद्रपुर और मैग्मा फाइनेंस कंपनी गए थे। जब उन्होंने ट्रैक्टर या जमा रकम वापस मांगी तो चारों लोगों के साथ ही फाइनेंस कंपनी कर्मचारी उनके साथ मारपीट पर उतारू हो गए। आरोपियों ने कानूनी कार्रवाई करने पर फाइनेंस कंपनी का फर्जी ऋण बकाया दिखाकर जबरन वसूली करने की धमकी दी थी। उन्होंने इसकी शिकायत गदरपुर पुलिस थाने के साथ ही शासन प्रशासन से की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। उन्होंने अनुसूचित जाति जनजाति आयोग को प्रार्थना पत्र दिया था। इधर आयोग के आदेश पर पुलिस ने चारों आरोपियों रफीक, सनब्बर, मुजीव और अमन के खिलाफ केस दर्ज किया है।

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