
देहरादून के दो युवाओं को थाईलैंड के होटल में नौकरी का लालच देकर कंबोडिया में चीनी साइबर ठग गिरोह ने बंधक बना लिया। इन युवाओं को ऑनलाइन ठगी के लिए मजबूर किया गया। महीनों की प्रताड़ना के बाद इन्हें कंबोडिया से बचाकर भारत वापस लाया गया।





कैसे फंसे ठगी के जाल में?
दोनों युवाओं ने थाईलैंड के होटल में नौकरी के एक ऑनलाइन विज्ञापन पर विश्वास किया। भर्ती प्रक्रिया के तहत दोनों को थाईलैंड बुलाया गया, लेकिन वहां से उन्हें कंबोडिया ट्रांसफर करने की बात कही गई। स्थानीय एजेंट ने उन्हें पोइपेट बॉर्डर से कंबोडिया भेजा, जहां उनके पासपोर्ट और दस्तावेज जब्त कर लिए गए।
साइबर ठगी करने को किया मजबूर
कंबोडिया में दोनों युवाओं को एक गुप्त स्थान पर ले जाकर ऑनलाइन ठगी के काम में लगाया गया। मना करने पर उन्हें पीटा गया और खाना-पीना भी बंद कर दिया गया। अंततः प्रताड़ना के कारण दोनों को ठगी के तरीकों को सीखना पड़ा।
रिहाई और वापसी
केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से कंबोडिया पुलिस ने ऑपरेशन चलाया। इस दौरान उत्तराखंड के दोनों युवकों समेत 20 से अधिक भारतीयों को मुक्त कराया गया।
चीनी गैंग की साजिश
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर के अनुसार, कंबोडिया में चीनी साइबर ठगी गैंग सक्रिय हैं। ये गैंग भारतीय एजेंटों के जरिए युवाओं को फंसाते हैं। बंधक बनाए गए लोगों से साइबर ठगी कराई जाती है।
सावधान रहने की अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी विदेशी नौकरी के प्रस्ताव की सत्यता की जांच करें। फर्जी विज्ञापनों और एजेंटों से बचने के लिए सतर्क रहें।