
जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए की गई भारी गोलीबारी में 12 साल के जुड़वा भाई-बहन, जोया और जैन की मौत हो गई। यह दिल दहला देने वाली घटना पुंछ शहर के क्राइस्ट स्कूल के पास हुई, जहां परिवार किराए के मकान में रह रहा था।





जोया और जैन—जिन्होंने एक साथ जन्म लिया, साथ खेलते-कूदते बड़े हुए—अब हमेशा के लिए इस दुनिया से साथ ही चले गए। इस हमले में 13 नागरिकों की मौत और 59 अन्य घायल हो गए हैं, बच्चों के माता-पिता, अरुसा खान और रमीज खान, अपने बच्चों को बेहतर जीवन और शिक्षा देने की उम्मीद लेकर पुंछ शहर आए थे। लेकिन पाकिस्तानी गोलीबारी ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया।
इस घटना में बच्चों के पिता रमीज खान गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें जीएमसी राजौरी रेफर किया गया, जहां वो जीवन और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें दुर्लभ बी-नेगेटिव ब्लड की सख्त ज़रूरत थी। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर फैली, देशभर से लोग आगे आए और मदद का हाथ बढ़ाया।
अरुसा खान, जो खुद भी इस हमले में घायल हुईं, फिलहाल स्थिर हैं। दोनों माता-पिता शिक्षक हैं और पुंछ के सरकारी स्कूल में कार्यरत हैं, यह हमला सिर्फ एक परिवार पर नहीं, बल्कि पूरे समाज की मानवता पर वार है। एक बार फिर सीमा पार की गोलीबारी ने निर्दोषों की जान ले ली और एक सपनों से भरा घर उजड़ गया।