मैट्रीमोनियल साइट से जाल, फिर क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट में फंसाया; तमिलनाडु का सिविल इंजीनियर निकला 62.5 लाख की साइबर ठगी का मास्टरमाइंड

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देहरादून।

उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर थाना कुमाऊं क्षेत्र की टीम ने ऑपरेशन प्रहार के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए एक शातिर साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने एक मैट्रीमोनियल वेबसाइट के जरिये भरोसा जीतकर पीड़ित को Banocoin नाम की फर्जी एप के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करवाया और 62.50 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया।

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि नैनीताल निवासी पीड़ित ने sangam.com पर अपना प्रोफाइल बनाया था, जहां AroshiRoy नामक प्रोफाइल से दोस्ती हुई। व्हाट्सएप पर बातचीत के दौरान युवती ने खुद को कंबोडिया में कपड़ों के व्यवसायी के रूप में पेश किया और पीड़ित को क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लिए Banocoin ऐप की जानकारी दी। झांसे में आकर पीड़ित ने अलग-अलग बैंक खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर कर दिए।

 

जांच के दौरान STF ने तकनीकी विश्लेषण कर आरोपी Velmurugan S/O Kuppusamy, निवासी तिरुपुर, तमिलनाडु को चिन्हित कर कोयंबटूर से गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि अभियुक्त ने एक महीने में ही 4.35 करोड़ रुपये की साइबर लेन-देन की है। उसके खिलाफ तमिलनाडु के कई साइबर थानों में केस दर्ज हैं।

 

ठगी का तरीका:

अभियुक्त महिलाओं के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर भरोसे की नींव रखता था। व्हाट्सएप कॉलिंग व मैसेज के जरिए निवेश का लालच देता और Banocoin एप पर फर्जी लाभ दिखाता था। शुरुआत में मामूली रकम वापस कर पीड़ित का विश्वास जीतता और फिर मोटी रकम ऐंठ लेता।

 

एसएसपी नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, मैसेज, सोशल मीडिया फ्रेंडशिप या इन्वेस्टमेंट स्कीम से सावधान रहें। फर्जी इन्वेस्टमेंट ऐप्स, टेलीग्राम चैनलों व यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म के झांसे में न आएं। किसी भी साइबर अपराध की सूचना तत्काल 1930 या निकटतम पुलिस स्टेशन में दें।

पुलिस टीम में शामिल रहे:

निरीक्षक अरुण कुमार, उपनिरीक्षक सत्येन्द्र गंगोला, हेडकांस्टेबल सुरेन्द्र सामंत और कांस्टेबल रवि बोरा।

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