
हल्द्वानी: साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच एक और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहां शहर के धानमिल निवासी एक व्यक्ति साइबर ठगों के जाल में फंसकर 9 लाख से ज्यादा रुपए गंवा बैठा। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।





कैसे हुआ धोखाधड़ी का शिकार?
कोतवाली प्रभारी राजेश यादव के मुताबिक, पीड़ित को 19 दिसंबर को एक मोबाइल नंबर से ऑनलाइन कमाई का संदेश मिला। बार-बार मैसेज आने पर पीड़ित ने इसके बारे में जानकारी ली। शुरू में कंपनी ने प्रशिक्षण के नाम पर 691 रुपए दिए और उसे टेलीग्राम पर एक ग्रुप में जोड़ दिया, जहां 70 से अधिक लोग जुड़े थे।
ग्रुप में लोगों को मुनाफा कमाते देखकर पीड़ित का विश्वास बढ़ गया। उसने 23 दिसंबर को 10,500 रुपए का निवेश किया, जिसके बदले उसे 15,000 रुपए वापस मिले। दूसरी बार उसने 45,000 रुपए का निवेश किया, और उसे मुनाफे के रूप में 73,000 रुपए मिले।
लालच में गंवाए लाखों रुपए
पीड़ित अब तक 72,500 रुपए कमा चुका था, जिससे उसका लालच बढ़ गया। उसने 50,000 रुपए और लगाए। लेकिन इसके बाद कंपनी द्वारा तैयार किए गए अकाउंट में माइनस दो लाख रुपए दिखाए गए। कंपनी ने कहा कि पैसे निकालने के लिए अकाउंट को प्लस करना होगा।
मुनाफे के लालच में पीड़ित ने अपने घर के जेवर बेच दिए और रिश्तेदारों से उधार लेकर निवेश करता रहा। यहां तक कि कंपनी ने 4 लाख रुपए जमा करने पर अकाउंट प्लस होने का ऑफर दिया। जब लगातार पैसे डूबते रहे, तब जाकर पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। कोतवाली प्रभारी राजेश यादव ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
साइबर अपराध से बचाव के लिए सुझाव
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान नंबर या लिंक पर भरोसा न करें। मुनाफे के लालच में बिना जांच-पड़ताल के निवेश न करें। यदि कोई संदिग्ध गतिविधि हो, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें।