उत्तराखंड में तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एमसीए पास युवक पुलिस से बचने के लिए हेलीकॉप्टर से नशे की तस्करी कर रहा था। आरोपी देहरादून से नशीला पदार्थ खरीदकर चमोली में बेचता था। सोमवार को वह जैसे ही गौचर में हेलीकॉप्टर से उतरा, पुलिस ने दबोच लिया।
आरोपी पहले भी इस मामले में जेल जा चुका है। तब वो यह काम सड़क मार्ग से करता था, लेकिन पकड़े जाने के बाद उसने हेलीकॉप्टर से नशा तस्करी शुरू कर दी। पुलिस इस नेटवर्क की तह तक जाने के लिए उससे पूछताछ कर रही है।
यह है पूरा मामला
पुलिस अधीक्षक रेखा यादव के मुताबिक, चमोली जिले में हर थाने की पुलिस नशा तस्करी करने वालों की कुंडली खंगाल रही है। इसी कड़ी में पता चला कि एक युवक हेलीकॉप्टर के जरिए जिले में नशा पहुंचा रहा है, जो सोमवार को स्मैक की खेप के साथ गौचर आने वाला है। इस पर पुलिस की एक टीम गौचर हेलीपैड पर तैनात कर दी गई।
हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के बाद टीम ने उससे उतरे यात्रियों की तलाशी ली तो आलोक थपलियाल निवासी वार्ड नंबर सात, गौचर के पास 7.05 ग्राम स्मैक मिली। आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में दी डिग्री की जानकारी
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने देहरादून के एक शिक्षण संस्थान से एमसीए पास किया है और कई वर्ष से नशा तस्करी कर रहा है। वह देहरादून से स्मैक लाकर गौचर में रेलवे कंपनी सहित अन्य जगहों पर युवाओं को मुंह मांगे दाम पर उसकी बिक्री करता था।
पूर्व में आरोपी देहरादून से चमोली तक सड़क मार्ग से नशा ले जाता था। इस दौरान वर्ष 2022 में पुलिस ने उसे पकड़ लिया, जिसके बाद उस पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ और काफी दिन तक उसे जेल में रहना पड़ा।
चार हजार रुपये लगता है किराया
जेल से जमानत पर छूटने के बाद आरोपी ने फिर से नशा तस्करी शुरू कर दी, लेकिन इस बार उसने पुलिस से बचने के लिए सड़क मार्ग के बजाय हेलीकॉप्टर से सफर करना शुरू किया। देहरादून से गौचर तक का एक तरफ का हेली सेवा का किराया लगभग चार हजार रुपये है। आरोपी से खरीदार व गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है।