*रिक्शा चालकों को नकली ट्रांसजेंडर बन लूटता था ये युवक, जानिए कैसे खुली पोल….*

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राष्ट्रीय राजधानी में अपराध का एक नया पैटर्न सामने आया है. यह अपराधी ट्रांसजेंडर बनकर लूट की वारदातों को अंजाम देने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला चांदनी चौक पर बीते 23 दिसंबर को देखने को मिला. यहां ट्रांसजेंडर के वेष में एक बदमाश ने ई-रिक्शा चालक से 800 रुपये लूट लिए. इसके बाद वह तंग गलियों में भागने लगा, लेकिन ई-रिक्शा चालक ने भी दौड़ा कर उसे दबोच लिया. वहीं जब पुलिस ने आरोपी का मेडिकल कराया तो पता चला कि वह ट्रांसजेंडर नहीं, बल्कि मेरठ का रहने वाला मनोज यादव है।

पुलिस की पूछताछ में भी इस बदमाश ने पहले खुद का नाम शिवानी बताकर गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने जब उसका मेडिकल कराया तो पूरा मामला सामने आ गया. आरोपी ने बताया कि वह विभिन्न ट्रैफिक सिग्नल पर शगुन मांगने की आड़ में लूट की वारदातों को अंजाम देता था. इसके लिए वह सलवार-कुर्ता और भारी मेकअप कर चौराहों पर आता था. अक्सर सिग्नल ग्रीन होते समय वह वाहन चालकों के पास आता था और श्राप देने का डर दिखा लोगों से वसूली करता था।

पर्स छीन कर भाग जाता था बदमाश

ऐसे में जब वाहन चालक उसे रुपये देने के लिए अपना पर्स निकालते तो यह बदमाश छीन कर भाग जाता था. आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि अब तक वह दर्जनों वारदातों को अंजाम दे चुका है, लेकिन 23 दिसंबर को उसकी किस्मत खराब थी, इसलिए पकड़ लिया गया. डीसीपी (नार्थ) मनोज मीना के मुताबिक इस घटना में भी आरोपी ने पहले ई-रिक्शा चालक से खैरात मांगा, जब उसने मना किया तो आरोपी ने उसके लिए अपशब्द कहे. ऐसे में ई-रिक्शा चालक उसे 10 रुपया देने के लिए अपना पर्स निकाला।

ई-रिक्शा चालक ने दौड़ कर पकड़ा

इतने में आरोपी ने उसके हाथ से पर्स झपट लिया और भागने लगा. ई-रिक्शा चालक ने भी दौड़ कर थोड़ी दूर आगे ही उसे दबोच लिया. आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि वह नशेड़ी है और नशे का सामान जुटाने के लिए दिन में लूट की वारदातों को अंजाम देता है. आरोपी ने बताया कि वह उत्तर दिल्ली में ही रहता है और कभी कभार ही अपने गांव मेरठ जाता है।

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