Spread the love

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि यह बहुत अजीब है कि पंजाब में हाल ही में हुए चुनावों में 13,000 पंचायत पदाधिकारियों में से 3000 निर्विरोध चुने गए. यह मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के समक्ष आया.सुनवाई के दौरान, पीठ को आश्चर्य हुआ जब उसे बताया गया कि पंचायत पदों के 13000 से अधिक पदों में से 3000 पद निर्विरोध चुने गए. सीजेआई ने कहा कि यह बहुत अजीब है! मैंने ऐसे आंकड़े पहले कभी नहीं देखे… यह संख्या महत्वपूर्ण है. एक वकील ने तर्क दिया कि चुनाव के दौरान एक उम्मीदवार का चुनाव चिह्न हटा दिया गया था.पीठ को यह जानकर भी आश्चर्य हुआ कि सैकड़ों याचिकाओं को उच्च न्यायालय ने प्रभावित पक्षों की उचित सुनवाई किए बिना खारिज कर दिया. पीठ ने कहा कि जिन उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए या फाड़ दिए गए, वे भी अपनी शिकायतों के साथ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय जा सकते हैं.

पीठ ने स्पष्ट किया कि उनकी याचिकाओं को सीमा अवधि के उल्लंघन के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता और याचिकाओं पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा कि यदि उच्च न्यायालय में उनकी याचिकाएं खारिज हो जाती हैं तो याचिकाकर्ता शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं.अक्टूबर में शीर्ष न्यायालय ने सुनीता रानी और अन्य द्वारा 15 अक्टूबर को हुए पंचायत चुनावों के संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था. शीर्ष न्यायालय ने आज कहा कि पीड़ित व्यक्ति चुनाव न्यायाधिकरण के समक्ष चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं, जिसे छह महीने में उन पर फैसला करना है.पीठ ने कहा कि हम याचिकाकर्ता को चुनाव याचिका दायर करने की अनुमति देते हैं. राज्य चुनाव आयोग छह महीने के भीतर याचिकाओं पर फैसला करेगा, देरी होने की स्थिति में याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने मतदान के दिन 15 अक्टूबर को पंचायत चुनावों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि अगर चुनाव के दिन अदालतें प्रक्रिया पर रोक लगाना शुरू कर देंगी तो ‘अराजकता’ पैदा हो जाएगी. उच्च न्यायालय ने उम्मीदवारों द्वारा दाखिल नामांकन पत्रों को मनमाने ढंग से खारिज किए जाने के आरोप के आधार पर पंचायत चुनावों को चुनौती देने वाली लगभग 1,000 याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *