सीएम के गृहक्षेत्र में हुई चोरी का 20 दिन बाद 500 CCTV की मदद से हुआ खुलासा, ऐसे घटित हुई वारदात

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रुद्रपुर/खटीमा। खटीमा थानाक्षेत्र में हुई लूट मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जिसमें 500 सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन करने के बाद पुलिस ने लूट की वारदात को अंजाम देने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक युवक फरार है। वहीं गिरफ्तार युवकों के पास से लूट की गई नगदी भी बरामद हुई है।

बता दें बीती 6 अप्रैल को खटीमा बैंक में कुछ अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया थ। जिसके बाद बैंक प्रबंधक कुसुमलता ने अज्ञात बदमाशें के खिलाफ 4 लाख 42 हजार रुपये लूटे की जाने की तहरीर थाना खटीमा में थी। जिस–पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी। घटना के खुलासे को लेकर 10 टीमों का गठन किया गया। टीमों ने घटनास्थल के करीब लगभग 100 किलोमीटर के दायरे में लगे 500 सीसीटीवी का अवलोकन किया। जिसमें ललित मानवेन्द्र सिंह पुत्र मुन्शी सिंह शेखावत निवासी बार्ड 204 खोड जिला राजस्थान, नरेन्द्र कुमार पुत्र लक्ष्मण राम निवासी बार्ड नं04 खोह जिला झुझनु राजस्थान, पशुपति पुत्र में रामकिशन निवासी वृन्दावन इन्कलेव चेतना कालोनी नियर मिल्क डेयरी बरेली, उत्तर प्रदेश मूल निवासी ग्राम गांगी गिधीर थाना खटीमा जिला ऊधम सिंह नगर के नाम सामने आए। पुलिस टीम ने तत्परता से उक्त अभियुक्तगणों में से सेन्द्र कुमार व पशुपतिनाथ को बीती 24 अप्रैल को कमान नदी के पुल ग्राम गांगों से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि पशुपति नाथ धारा 420 आईपीसी के मामले में जिला कारागार झुनझुनू राजस्थान में बन्द था। वहीं पर ललित मानवेन्द्र सिंह भी एक बैंक लूट के मामले में बन्द था। इन दोनों की वही पर मुलाकात और दोस्ती हुई। जेल से बाहर आने के बाद दोनों सम्पर्क में थे। इसी दौरान उन्होंने खटीमा में बैंक लूट की योजना बनायी। घटना से पूर्व पशुपतिनाथ ने ही नरेन्द्र कुमार वलित को स्थानीय रास्ते व क्षेत्र के बारे में जानकारी दी और पशुपतिनाथ की मोटरसाइकिल घटना में प्रयोग हुई है। घटना के बाद भी बचने के लिये व धोखा देने के लिये अभियुक्तगणों ने मोटरसाइकिल के नम्बर से भी छेड़छाड़ कर फर्जी नंबर प्लेट मोटरसाइकिल में लगाई थी। अभियुक्त ललित मानवेन्द्र सिंह फरार है। गिरफतार अभियुक्त के कब्जे से बैंक से लूटी गयी कुल रकम में से 1,70,000/- बरामद हुए हैं। वहीं लूट के पैसों में से 50,000/- नरेन्द्र कुमार और 20000 रू0 पशुपति नाथ ने खर्च कर दिए। शेष पैसे लंलित मानवेन्द्र सिंह के पास होना बताया है। अभियुक्तगणों के पास से 02 समर्थ 12 बोर व 02 कारतूस बरामद हुए है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद की है। पूरे मामले में पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अभियुक्तगण बरेली के होटल कारा में रूकते थे और यहीं से अभियुक्त पशुपति नाथ की मोटरसाइकिल स्टेनर में आकर रैकी करते थे। मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट में मिट्टी लगाकर नंबर छिपाया था। यह लोग अपना मोबाईल बरेली में ही बन्द कर देते थे। बरेली से नरेन्द्र व ललित मोटरसाइकिल में आते थे और पशुपतिनाथ बस से आता था। पीलीभीत में से पूर्व नियोजित स्थान पर मिलते थे। यहाँ से तीनों पालीगंज तक मोटरसाइकिल में ही आये। पशुपति नाथ पोलीगंज में ही उतर गया। पोलीगंज से नरेन्द्र व ललित ही घटना कारित करने के लिये आये। घटना कारित करने के उपरान्त पुलिस को भ्रमित एवं बैंकिंग से बचने के लिये उन्होंने गाँव के स्थानीय मार्ग और पोलीगंज के बाद बनगवा, रघुलिया आदि के जंगल वाले रास्तों से वापस भागे, जहाँ पुलिस चौंकिंग आदि कम होती है। अभियुक्तगणों द्वारा दिनांक 5 अप्रैल को भी घटना करने की योजना बनायी थी परन्तु बैंक में भीड़ होने के कारण घटना कारित नहीं कर पाये। इनके द्वारा घटना कारित करने से पहले पहने कपड़ों के ऊपर दूसरे कपड़े डाल लिये और घटना कारित करने के उपरान्त उपर पहने कपड़ों को निकाल लिया क्योंकि घटना कारित के दौरान पहने कपड़े वालों की ही पुलिस चेकिंग करती है।
पूरे मामले में पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है जबकि सलित मानवेन्द्र सिंह पुत्र मुन्शी सिंह शेखावत निवासी वार्ड नं04 खोह जिला झुंझनु राजस्थान अभी भी फरार है। कार्यवाही करने वाली पुलिस टीम को डीआईजी द्वारा 25000 व एसएसपी द्वारा 20000 का ईनाम देने की घोषणा की गई है।
पूरे मामले का खुलासा करने वाली टीम में खटीमा कोतवाल नरेश चौहान, एसआई देवेन्द्र गौरव, एसआई ललित मोहन रावल, धीरज वर्मा, संदीप पिलखाल, पंकज महर, कैलाश देव, विजय कुमार, नासिर, शहनवाज, हरेन्द्र थापा, ललित मोहन नेगी, नवीन रजवार, चन्द्र सिंह, तपेन्द्र जोशी, वीम गिरी, नवीन खोलिया, झनकईया थानाध्यक्ष दिनेश फर्त्याल, नानकमत्ता थानाध्यक्ष केसी आर्या, जावेद मलिक, विजेन्द्र कुमार, योगेन्द्र, नवनीत कुमार, एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट, भूपेन्द्र आर्या, ललित कुमार, पंकज बिनवाल, प्रभात चौधरी, महेन्द्र डंगवाल, कुलदीप, गणेश पाण्डेय, एडीटीएफ प्रभारी कमाल हसन, पुलभट्टा थानाध्यक्ष विद्यादत्त जोशी आदि शामिल रहे।

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