साल 2020 में दुनिया को हिला देने वाला कोरोना वायरस एक बार फिर अपने पैर पसार रहा है। एशिया के कई हिस्सों, खासकर सिंगापुर और हांगकांग में कोविड-19 के मामलों में तेज़ उछाल देखा गया है। वहां LF.7 और NB.1.8 वेरिएंट के कारण संक्रमण बढ़ा है, जो JN.1 वेरिएंट से जुड़े हैं।
भारत में अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है। 19 मई तक देश में कुल 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से ज़्यादातर केस केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से सामने आए हैं। पिछले हफ्ते देश में कुल 164 नए मामले दर्ज किए गए।
कोविड की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने अहम बैठक बुलाई, जिसमें डिजास्टर मैनेजमेंट, ICMR और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में वायरस की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई और जरूरी कदमों पर चर्चा की गई।
सरकार ने देश के सभी अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों और गंभीर श्वसन संकट पर नज़र रखने का निर्देश दिया है। साथ ही लोगों को भी सतर्क रहने और जरूरी सावधानियां बरतने की अपील की गई है।
बचाव के उपाय क्या हैं?
- हाथों को बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
- सार्वजनिक जगहों से लौटने पर हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- सामाजिक दूरी बनाए रखें और लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेट करें।
- मास्क का प्रयोग करें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।
- सतहों को बार-बार सैनिटाइज़ करें।
बुखार, सूखी खांसी या सांस की तकलीफ जैसे लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि JN.1 वेरिएंट पिछले वेरिएंट्स की तुलना में कुछ मामलों में दस्त और थकावट जैसी नई समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए लोगों से अपील की जा रही है कि वे लापरवाही न करें और सतर्कता के साथ सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें।