त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल पूरा, अब प्रशासक संभालेंगे पंचायतों की कमान

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रुद्रपुर। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद एक बार फिर पंचायतों की कमान प्रशासनिक अधिकारियों को सौंप दी गई है। शासन की अधिसूचना के तहत जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जिले की सभी जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है, ताकि पंचायतों का संचालन सुचारू रूप से जारी रह सके।

 

प्रदेश में वर्ष 2019 में गठित त्रिस्तरीय पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) का कार्यकाल मई-जून 2025 में पूरा हो चुका है। ऐसे में जुलाई 2025 में प्रस्तावित पंचायत चुनावों तक की अंतरिम अवधि के लिए सरकार ने पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

 

इन अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

जारी आदेश के अनुसार, जिला पंचायत ऊधमसिंह नगर की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को दी गई है। क्षेत्र पंचायतों की जिम्मेदारी संबंधित उपजिलाधिकारियों को मिली है। वहीं ग्राम पंचायतों का प्रशासनिक दायित्व विकासखंड स्तर पर तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) निभाएंगे।

 

क्षेत्रवार प्रशासकों की नियुक्ति इस प्रकार की गई है —

 

जिला पंचायत ऊधमसिंह नगर – जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट

 

क्षेत्र पंचायत खटीमा – उप जिलाधिकारी, खटीमा

 

क्षेत्र पंचायत सितारगंज – उप जिलाधिकारी, सितारगंज

 

क्षेत्र पंचायत रुद्रपुर – उप जिलाधिकारी, रुद्रपुर

 

क्षेत्र पंचायत गदरपुर – उप जिलाधिकारी, गदरपुर

 

क्षेत्र पंचायत बाजपुर – उप जिलाधिकारी, बाजपुर

 

क्षेत्र पंचायत काशीपुर – उप जिलाधिकारी, काशीपुर

 

क्षेत्र पंचायत जसपुर – उप जिलाधिकारी, जसपुर

 

 

ग्राम पंचायतों के लिए

सभी विकासखंडों में तैनात सहायक विकास अधिकारियों (पंचायत) को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है, जिनमें खटीमा, सितारगंज, रुद्रपुर, गदरपुर, बाजपुर, काशीपुर और जसपुर शामिल हैं।

 

कामकाज में नहीं आने दी जाएगी कोई बाधा

जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी तत्काल प्रभाव से अपनी-अपनी पंचायतों की जिम्मेदारी संभाल लें। उन्होंने कहा कि पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों को किसी भी सूरत में बाधित नहीं होने दिया जाएगा।

 

प्रशासकों की तैनाती से जहां पंचायतों के सुचारु संचालन को गति मिलेगी, वहीं आगामी चुनावों तक प्रशासनिक नियंत्रण में विकास कार्यों की मॉनिटरिंग भी सुदृढ़ हो सकेगी।

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