
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा इन दिनों पूरे जोरों-शोरों से जारी है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों धामों में उमड़ रही है। लेकिन इस आस्था की यात्रा के बीच चिंता का विषय ये है कि श्रद्धालुओं की मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।





30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी। इसके बाद 2 मई को बाबा केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। तब से अब तक, यानि 20 मई तक कुल 41 श्रद्धालुओं की मौत विभिन्न कारणों से हो चुकी है।
केदारनाथ धाम सबसे अधिक प्रभावित:
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, केदारनाथ धाम में अब तक 19 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। इनमें 18 लोगों की मौत स्वास्थ्य खराब होने की वजह से और एक श्रद्धालु की मौत अन्य कारण से हुई है।
गंगोत्री धाम में कुल 11 श्रद्धालुओं की मौत हुई, जिनमें से 5 की मृत्यु स्वास्थ्य कारणों से और 6 की मौत 8 मई को हुए हेलीकॉप्टर क्रैश के चलते हुई।
यमुनोत्री धाम में अब तक 9 श्रद्धालु जान गंवा चुके हैं, जिनमें से 8 की मृत्यु स्वास्थ्य कारणों से और एक की अन्य वजह से हुई।
वहीं बदरीनाथ धाम में अब तक 2 श्रद्धालुओं की मौत स्वास्थ्य खराब होने से हुई है।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़:
पर्यटन विभाग के अनुसार, 21 मई की शाम 7 बजे तक चारधाम में कुल 11 लाख 55 हजार 386 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
यमुनोत्री: 2,10,908 श्रद्धालु
गंगोत्री: 1,96,200 श्रद्धालु
केदारनाथ: 4,53,414 श्रद्धालु
बदरीनाथ: 2,94,864 श्रद्धालु
हर साल की तरह इस बार भी स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा शुरू होने से पहले हेल्थ एडवाइजरी जारी की थी। इसमें खास तौर पर पहले से बीमार लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई थी। बावजूद इसके, कई श्रद्धालु बिना स्वास्थ्य परीक्षण कराए यात्रा पर निकल पड़ते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित होता है।
आस्था की इस यात्रा में स्वास्थ्य भी उतना ही ज़रूरी है। प्रशासन की अपील है कि श्रद्धालु अपनी सेहत का ध्यान रखें, आवश्यक परीक्षण करवाएं और डॉक्टर की सलाह लेकर ही यात्रा शुरू करें, ताकि ये पवित्र यात्रा सुरक्षित और सुखद बनी रहे।