टांडा जंगल में मिले अज्ञात युवक की लाश ने जो सवाल खड़े किए थे, उनका जवाब अब पुलिस ने खोज लिया है। यह मामला अब हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या का निकला है। चौंकाने वाली बात यह है कि युवक ने एक होम स्टे में जान दी थी, लेकिन होटल मालिक ने पुलिस को सूचना देने के बजाय शव को जंगल में फेंक दिया।
7 जुलाई को पंतनगर थाना क्षेत्र के टांडा जंगल में एक अज्ञात युवक का शव मिला था। शव की गर्दन पर रस्सी के निशान थे, जिससे पहले इसे हत्या का मामला माना गया। सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा खुद मौके पर पहुंचे और गहन जांच के निर्देश दिए।
पुलिस ने जब छानबीन तेज की तो 9 जुलाई को इस केस की परतें खुल गईं। मृतक की पहचान पिथौरागढ़ निवासी भूपेंद्र सिंह चुफाल (30 वर्ष) के रूप में हुई। जांच में पता चला कि भूपेंद्र ने 6 जुलाई को हल्द्वानी की पंजाबी कॉलोनी में स्थित अमन होम स्टे में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।
लेकिन होटल मालिक अमनदीप सिंह ने युवक की एंट्री रजिस्टर में नहीं की थी। आत्महत्या की जानकारी सामने आने से बदनामी के डर से उसने शव को रात के अंधेरे में टांडा जंगल में फेंक दिया।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पहले अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन जांच में मामला आत्महत्या का निकला। अब होटल मालिक के खिलाफ साक्ष्य छिपाने और शव को ठिकाने लगाने के आरोप में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने कहा कि मामले की हर कड़ी को जोड़ा गया और पूरी सच्चाई सामने लाई गई। प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हो रहा था, लेकिन पुलिस टीम द्वारा गहन जांच और तकनीकी साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद स्पष्ट हुआ कि यह आत्महत्या का मामला है। होटल संचालक ने कानून की अनदेखी करते हुए शव को छुपाने का प्रयास किया, जो एक गंभीर अपराध है। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और मामले से जुड़े हर पहलू की निष्पक्ष जांच जारी है।