दिल्ली से आया पैगाम, उत्तराखण्ड परिवहन की इन बसों पर लगेगी लगाम

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देहरादून। उत्तराखण्ड की थकी हारी बसों पर रोक लगाने के लिए दिल्ली से पैगाम आ गया है। जिसके तहत दिल्ली सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सरकार से पांच वर्ष से अधिक पुरानी बसों को राजधानी दिल्ली में प्रवेश पर रोक का अनुरोध किया है। बताते चलें राजधानी दिल्ली में दिन-ब-दिन बढ़ रहे प्रदूषण के चलते दिल्ली सरकार की चिंताए बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते प्रदूषण की वजह थके हारे वाहन भी हैं। जिसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने उत्तराखण्ड सरकार से अनुरोध किया है कि दिल्ली में पांच वर्ष से ज्यादा पुरानी बसों को न भेजा जाये।

दिल्ली के परिवहन आयुक्त ने जारी पत्र में कहा है कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के सभी वाहन सीएनजी से चलते हैं, डीजल से चलने वाले वाहनों का संचालन प्रतिबंध हो चुका है। बाहरी राज्यों के डीजल वाहन ही यहां आते हैं। लिहाजा, जो भी बसें यहां भेजें, वह दस साल से कम पुरानी हों। इसके साथ ही उनके पास हर हाल में प्रदूषण प्रमाण पत्र होना चाहिए। अगर ऐसा न हुआ तो दिल्ली सरकार ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
दूसरी ओर, सरकार पहले ही ट्रकों की सीमित एंट्री की बात कह चुकी है। इस पर 21 नवंबर तक प्रतिबंध भी लगाया गया था। दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड से भी अपील की है कि जहां तक हो सके, ट्रकों के संचालन के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें।
वहीं उत्तराखण्ड परिवहन विभाग का कहना है कि परिवहन निगम दिल्ली के लिए नियमानुसार पूरी तरह फिट बसें ही भेज रहा है। निगम के जीएम संचालन दीपक जैन ने बताया कि हमारी सभी बसें ऐसी संचालित हो रही हैं जो कि या तो सीएनजी हैं या फिर दस साल से कम पुरानी हैं। सभी बसों के लिए प्रदूषण सर्टिफिकेट अनिवार्य तौर पर रखा गया है।

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