कांडा, दो दिन हुई क्षेत्र में अतिवृष्टि से जहां सड़कों पर मार पड़ रही है वहीं पुराने मकान धाराशाही हो रहे हैं। एक दिन पहले देवलेत में एक मकान ध्वस्त हुआ, दूसरे दिन सिमकुना में एक मकान रात में ध्वस्त हो गया। इस मकान में रह रहे दंपति को दिन में ही अन्यत्र शिफ्ट किया था और रात में हादसा हो गया। यदि ग्राम प्रधान आदि ने पहल नहीं की होती तो बड़ा हादसा हो जाता।
तहसील के सिमकुना की ग्राम प्रधान डॉली देवी अतिवृष्टि के चलते अलर्ट रही। उन्होंने में गांव में जाकर उन घरों को देखा जो जर्जर हालत में है और उसमें लोग रह रहे हैं। इसी दौराान वह मोहन राम के घर भी पहुंच गई। घर की हालत को देखकर उन्होंने घर में रह रहे पति-पत्नी को घर छोड़ने का सुझाव दिया। साथ ही उसके बेटे को बुलाकर उन्हें अपने साथ रखने को कहा। ग्राम प्रधान की पहल के बाद मोहन राम तथा उनकी पत्नी खष्टी देवी अपने बड़े लड़के साथ रहने के लिए चले गए। रात को दस बजे अचानक मकान भरभराकर गिर गया। मकान गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग जाग गए। इसकी जानकारी मोहन राम को भी दी। रात में ही लोग एकत्रित हो गए। इस हादसे में परिवार के लोग ग्राम प्रधान की सूझबूझ से बच गए, लेकिन घर के अंदर रखा सामान मलबे में दब गया है। ग्राम प्रधान ने राजस्व विभाग से परिवार के लिए सुरक्षित आशियाने की मांग की हैं। यहां राजस्व उपनिरीक्षक प्रकाश गोवस्वामी ने बतायाकि मकान बेनाप भूमि में होने के कारण किसी भी तरह का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है।