*फरवरी से किसान आंदोलन के कारण बंद शंभू बॉर्डर खोलने का हाई कोर्ट ने दिया आदेश, कहा- “ये लोगों की लाइफलाइन है”*

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10 फरवरी 2024 को किसानों ने दिल्ली में कूच करने का ऐलान किया था, जिसके बाद से पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर को बैरिकेडिंग के सहारे बंद कर दिया गया था. इस बॉर्डर पर अब हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है, जिसमें कहा गया है कि एक हफ्ते के अंदर के अंदर शंभू बॉर्डर को खोल दिया जाए।

दिल्ली में कूच का ऐलान करने के बाद से पुलिस ने पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर को बंद कर दिया था. इस बॉर्डर को खोलने के लिए कई लोगों कोर्ट में अपनी याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने फैसला सुना दिया. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के लिए आदेश जारी करते हुए कहा है कि शंभू बॉर्डर में लगाए गए बैरिकेट 7 दिनों के अंदर हट जाने चाहिए।

बॉर्डर को एक हफ्ते के अंदर खोलने का दिया आदेश

बॉर्डर के खिलाफ दायर की गई याचिकाकर्ताओं के वकील वासू रंजन शांडिल्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी तरफ से काफी समय पहले बॉर्डर को खोले जाने के लिए पिटीशन दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि शंभू बॉर्डर के बंद होने की वजह से अंबाला के व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, व्यापारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है जिसकी वजह से भुखमरी जैसी स्थिति बन गई है. वासू रंजन ने आगे कहा कि कल ही पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के लिए चीफ जस्टिस की नियुक्ति हुई है और आज उन्होंने इस पर फैसला सुनाते हुए बैरिकेट हटाने की बात कही है, ये फैसला यहां के लोगों के हित में है और यह आदेश पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू कश्मीर के व्यापारियों को फिर से नया जीवन मिलने जैसा है. हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ये बॉर्डर लाइफलाइन है इसलिए अब इस हाइवे को और बंद नहीं रखा जाना चाहिए।

फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले अब हालात काफी बदल गए हैं और अब प्रदर्शनकारी की संख्या भी कम हो गई है. पुलिस के अलावा कोर्ट ने किसान संगठन को भी आदेश दिया है, जिसमें कानून व्यवस्था को बनाए रखने को कहा गया है, वहीं पंजाब और हरियाणा को भी लॉ एंड ऑर्डर का ध्यान रखने को आदेश दिया गया है. 10 फरवरी को पंजाब के कुछ किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया था जिसके चलते उन्हें हरियाणा के बॉर्डर पर रोक दिया गया था, जिसके बाद से ही पंजाब हरियाणा के कई बॉर्डर को बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया गया था. शंभू बॉर्डर पर अभी भी किसान प्रदर्शनकारी मौजूद हैं, हालांकि उनकी संख्या पहले से काफी कम हो गई है जिसकी वजह से बैरिकेडिंग लगाई गई थी।

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