
एमएसपी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को कुछ नई मांग रखी. कहा गया कि वो उस वक्त तक विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे जब तक मृतक किसान शुभकरण सिंह पर अटैक करने वाले अधिकारियों पर केस दर्ज नहीं होता और उसे शहीद का दर्जा नहीं मिलता. साथ ही किसानों ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वो फिलहाल दिल्ली कूच नहीं करेंगे. शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सुखविंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स के दौरान कहा, ‘आज सारा दिन कश्मकश चलती रही कि शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार हो जाए तो सरकार से बात बढ़ाई जाए. हमने दो दिनों का विराम इसलिए ही दिया था कि खनौरी बार्डर पर घायल किसानों को देख सकें. हम किसानों को उठाकर ले गए थे. हमारी मांग थी कि शुभकरण सिंह पर अटैक करने वाले अधिकारियों पर केस दर्ज हो. उसे शहीद का दर्जा मिले.’





उन्होंने कहा, ‘पंजाब सरकार ने एक करोड़ रुपए का मुआवजा और उसकी बहन को सरकारी नौकरी देने के लिए कहा था. हमारी मांग है कि जब तक 302 का पर्चा दर्ज नहीं होता है और शहीद का दर्जा नहीं मिलता है, तब तक आंदोलन यहीं चलेगा.’ मंजीत सिंह घुमाना ने कहा, ‘’शुभकरण के पिता जी ने भी यही कहा है कि जब तक पर्चा दर्ज नहीं होता है और शहीद का दर्जा नहीं मिलता, शुभकरण का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.’
गुरप्रीत सिंह सांगा ने कहा, ‘सरकार ऑनलाइन फ्लो को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के हैंडल को रोका जा रहा है. चलती मीटिंग में सोशल मीडिया हैंडलों को बंद किया गया. 26 फरवरी को गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में बड़े स्तर पर आदिवासी विरोध प्रदर्शन करेंगे. ये इतिहास में पहली बार होगा.’ उधर, किसानों ने सरकार द्वारा उन्हें दिल्ली तक आने से रोकने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने दावा किया कि सरकार उनके आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है।