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उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक परिवार ने जिस बेटी को मरा समझकर उसकी लाश को दफना दिया था. दो महीने बाद वो दूसरे जिले में जिंदा मिली. वो अपने बॉयफ्रेंड संग भाग गई थी. लेकिन जब पुलिस को अनजान लाश मिली तो परिवार ने उसे अपनी मरी हुई बेटी समझ लिया. अब जब लड़की जिंदा मिल गई है तो पुलिस ने अनलाश लाश के केस को दोबारा से खोलकर उसकी जांच शुरू कर दी है.

मामला मुस्तफाबाद इलाके का है. यहां जमदहां और झांसेपुर गांव के बीच बहने वाली बेसव नदी में चार जुलाई को एक युवती की लाश मिली थी. मौके पर पुलिस ने पहचान कराने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. मोर्चरी में अगले दिन पहुंचे मुस्तफाबाद के एक व्यक्ति ने पहचान की और बताया कि यह लाश उसकी 20 वर्षीय बेटी की है.

पहचान होने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया. उसी दिन शव को गांव में ही दफन भी कर दिया गया. सोमवार को इस मामले में नया मोड़ आ गया. जिस युवती के नाम पर शिनाख्त की गई थी वह अपने प्रेमी के साथ पुलिस के हाथ लग गई. प्रयागराज से बरामद युवती को पुलिस थाने लाकर पूछताछ कर रही है. लड़की ने बताया कि वो अपने बॉयफ्रेंड संग भाग गई थी. क्योंकि वो जानती थी कि उसका ये रिश्ता घर वाले कभी मंजूर नहीं करेंगे.

दोबारा रीओपन हुआ केस

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लाश की शिनाख्त करके उसे परिजनों को सौंप दिया गया था. मामला आत्महत्या का माना गया. फिर केस को बंद कर दिया गया. इस दौरान युवती अपने प्रेमी के साथ जीवित मिल गई. दोनों से पूछताछ की जा रही है. अब दो महीने पहले बेसव नदी में जो लाश मिली थी उसकी नए सिरे से जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम में किसका हाथ रहा-इसकी बारीकी से पड़ताल की जाएगी. उधर, इस पूरे इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बना हुआ है.

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