रुद्रपुर, संवाददाता। मोटरसाइकिल चोरी के मामले में दोषसिद्ध अभियुक्त स्वर्ण सिंह उर्फ सोनी को राहत मिली है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने उसकी सजा और दोषसिद्धि को निरस्त कर दिया है।
अभियुक्त स्वर्ण सिंह पर वर्ष 2010 में मोटरसाइकिल चोरी का आरोप लगा था। मामले में उसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 411 के तहत दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष के कठोर कारावास और 5,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भी निर्धारित किया गया था।
अभियुक्त ने इस फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी। अपील में कहा गया कि विचारण न्यायालय ने अभियुक्त से धारा 313 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत उचित प्रश्न नहीं पूछे और न ही उसे उचित सफाई देने का अवसर दिया गया।
अपील पर सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायालय ने माना कि विचारण न्यायालय द्वारा अभियुक्त के बयान में गंभीर त्रुटियां की गईं। अभियुक्त को अभियोजन साक्ष्यों पर सफाई देने का पूरा अवसर नहीं दिया गया, जो न्याय के मूल सिद्धांतों के विपरीत है।
न्यायालय ने सजा और दोषसिद्धि को निरस्त करते हुए मामला पुनः विचारण के लिए खटीमा के एसीजेएम/सिविल जज (सीडी) न्यायालय को वापस भेज दिया। न्यायालय ने आदेश दिया कि अभियुक्त के बयान धारा 313 के तहत पुनः दर्ज किए जाएं और यदि अभियुक्त प्रतिरक्षा साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहे, तो उसे अधिकतम दो अवसर दिए जाएं।
अभियुक्त स्वर्ण सिंह उर्फ सोनी को 3 जुलाई 2025 को विचारण न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। इस फैसले को अभियुक्त के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है, जबकि पुलिस और अभियोजन पक्ष के लिए यह एक बड़ा झटका है।