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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की चेतावनी के बावजूद काम पर न लौटने वाले तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के खिलाफ सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने 5 तहसीलदारों और 9 नायब तहसीलदारों समेत कुल 14 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

सरकार के आदेश की अवहेलना पर कार्रवाई

सीएम भगवंत मान ने सामूहिक अवकाश पर गए तहसीलदारों को मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने की चेतावनी दी थी। लेकिन निलंबित किए गए अधिकारी सरकार के आदेशों की पालना नहीं कर रहे थे और उन्होंने घोषणा की थी कि वे शुक्रवार तक रजिस्ट्री नहीं करेंगे। इसके बाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) अनुराग वर्मा ने तत्काल प्रभाव से 14 अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश जारी किया।

सीएम ने खुद किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद तहसीलों का दौरा कर रजिस्ट्री और अन्य संपत्ति सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने खरड़, बनूड़ और जीरकपुर तहसीलों का दौरा किया और स्थिति का निरीक्षण किया।

हड़ताल से जनता परेशान, सरकार का सख्त रुख

राज्य में तहसीलदारों की हड़ताल के कारण तहसील कार्यालयों में काम करवाने आए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने कुछ तहसील कार्यालयों का दौरा किया और हड़ताली अधिकारियों के अधिकार अन्य अधिकारियों को सौंप दिए ताकि आम जनता को परेशानी न हो।

सीएम मान की चेतावनी

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि तहसीलदार अपने भ्रष्ट साथियों का बचाव करने के लिए हड़ताल पर हैं, लेकिन उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी।

सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा –

“आम लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए तहसील के सभी कामों की जिम्मेदारी अन्य अधिकारियों को दी जा रही है। सामूहिक अवकाश पर गए तहसीलदारों को बधाई, अवकाश के बाद उन्हें कहां शामिल होना है, यह लोग तय करेंगे।”

सरकार की सख्त कार्रवाई से संदेश

इस सख्त कार्रवाई से सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। वहीं, जनता को भी राहत मिली है कि सरकार उनके जरूरी कामों में कोई बाधा नहीं आने देगी।

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