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उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रहने वाले मौलाना तौकीर रजा एक बार फिर सुर्खियों में हैं. बीते दिनों मौलाना तौकीर रजा ने ऐलान किया था कि वह 23 हिंदू लड़के-लड़कियों का सामूहिक धर्म परिवर्तन कराएंगे. सबसे पहले 21 जुलाई को एक साथ पांच लड़के-लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया जाएगा. उनके इस बयान के बाद बवाल मचा हुआ है. हिंदू संगठन के लोगों ने विरोध जताते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की. वहीं SSP अनुराग आर्य ने कहा कि अगर कोई ऐसा प्रयास करेगा तो पुलिस उसे पूरी सख्ती और ताकत के साथ हैंडल करेगी।

मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने बीते दिन जिला प्रशासन से सामूहिक धर्म परिवर्तन और निकाह की अनुमति मांगी थी. तौकीर रजा ने कहा कि हमने तो परमीशन मांगी है, लेकिन हिंदू तो वो भी नहीं मांगते हैं. बड़ी संख्या में मुस्लिम लड़कियों ने धर्म पतिर्वतन कर हिंदुओं से विवाह कर लिया. मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि 21 जुलाई को सुबह 11 बजे खलील हायर सेकेंडरी स्कूल में पहले चरण में पांच जोड़ों का धर्म परिवर्तन और निकाह होगा.

हिंदू संगठनों ने जताया विरोध
वहीं मौलाना तौकीर राजा के 23 हिंदू लड़के-लड़कियों के धर्म परिवर्तन कर निकाह करने की घोषणा से तमाम हिंदू संगठन सड़कों पर उतर आए हैं. मंगलवार को जिला मुख्यालय पर पहुंचकर हिंदू संगठनों ने ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसमें हिंदू जागरण मंच, विश्व हिंदू परिषद सहित तमाम हिंदू संगठन के लोग शामिल थे. उन्होंने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार को ज्ञापन देकर कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि मौलाना तौकीर रजा एक अपराधी है, जिसकी सही जगह जेल की सलाखों के पीछे होने चाहिए।

वहीं मौलाना तौकीर रजा के हिंदुओं के धर्म परिवर्तन और निकाह के ऐलान के बाद बरेली पुलिस-प्रशासन भी हरकत में आया है. SSP अनुराग आर्य ने कहा कि कल सिटी मजिस्ट्रेट को एक आयोजन के लिए एक एप्लीकेशन दी गई है, जिसकी जांच पुलिस और एलआईयू के द्वारा की जा रही है. जांच के बाद आख्या प्रेषित की जाएगी. बरेली पुलिस समस्त जनपद वासियों को आश्वस्त करती है कि किसी को शहर या जनपद की शांति-व्यवस्था के साथ शरारत करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर कोई ऐसा प्रयास भी करेगा तो पुलिस उसे पूरी सख्ती और ताकत के साथ हैंडल करेगी. बिना अनुमति के किसी भी प्रकार का कोई भी आयोजन जनपद में नहीं होने दिया जाएगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने दी जानकारी
मौलाना तौकीर रजा के इस बयान पर जहां साधु-संतों ने नाराजगी जताते हुए कार्रवाई की मांग की है तो वहीं उनके इस बयान को लेकर कानून की जानकारों की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता गौरव द्विवेदी के मुताबिक, संविधान धर्म परिवर्तन की इजाजत देता है, लेकिन यूपी की योगी सरकार द्वारा 2021 में अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए लाए गए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की धारा तीन जबरन धर्मांतरण को रोकती है।

अवैध धर्मांतरण पर 3 से 10 साल तक की सजा
अधिवक्ता गौरव द्विवेदी के मुताबिक, 2021 के धर्मांतरण कानून के तहत अवैध धर्मांतरण कराने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है. धारा-5 के तहत अवैध धर्मांतरण कराने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई हो सकती है. खास तौर पर एसटी-एससी के धर्मांतरण के लिए नए कानून में कड़े प्रावधान किए गए हैं. अगर कोई व्यक्ति बड़े पैमाने पर लालच या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराता है तो उसे 3 से 10 साल तक की सजा भी हो सकती है. सजा के साथ 50 हजार का जुर्माना भी अदालत लगा सकती है. गौरव द्विवेदी के मुताबिक, कोर्ट ने धर्मांतरण के कई मामलों में भी कड़े फैसले दिए हैं और अवैध धर्मांतरण करने की आरोपियों की जमानत भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की है।

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